रामपुर, जागरण ऑनलाइन टीम : आम आदमी साइबर अपराध का शिकार होने पर पुलिस के पास जाता है, लेकिन साइबर अपराधी अब पुलिस को भी अपना शिकार बना रहे हैं। इसके लिए उन्होंने सेवानिवृत्त होने वाले पुलिस कर्मियों पर नजर रखनी शुरू कर दी है।

ऐसे पुलिस कर्मियों को पेंशन दिलाने के बहाने ठगी कर रहे हैं। ऐसा ही मामला सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के शक्तिनगर कालोनी आगापुर रोड ज्वालानगर निवासी रघुवीर सिंह के साथ हुआ है। वह 31 जनवरी को दारोगा के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी आखिरी तैनाती रिजर्व पुलिस लाइन बरेली में थी।

ठग ने खुद को बताया ट्रेजरी का बाबू

16 मार्च को उनके मोबाइल नंबर पर अनजान व्यक्ति ने काल की। उसने खुद को ट्रेजरी का बाबू बताया और पेंशन जल्द बनवाने का लालच दिया। बरेली ट्रेजरी आफिस से मिली आर्डर की कापी आदि दस्तावेज वाट्सएप करा लिया। उनका स्टेट बैंक की रामपुर शाखा में खाता है। उस खाते की भी पूरी जानकारी ले ली। इसके बाद उनके बैंक खाते से तीन बार में 10 लाख (4.90 लाख, 4.90 लाख और 20 हजार) रुपये निकल गए।

इसकी जानकारी होने पर उन्होंने बैंक में संपर्क किया और खाते से रुपये निकासी पर रोक लगवा दी। उन्होंने मुरादाबाद के साइबर क्राइम थाने में तहरीर दी, जिस पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि यहां पांच लाख तक की आनलाइन ठगी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाती है, जबकि इससे अधिक ठगी के मामले में मुरादाबाद के साइबर क्राइम थाने में प्राथमिकी दर्ज की जाती है।

Edited By: Mohammed Ammar