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    UP Festival Special Bus: रिश्तों की डोर जोड़ रही त्योहार स्पेशल बस, भाई दूज पर बहनों का सफर हुआ आसान

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 07:31 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भाई दूज के अवसर पर त्योहार स्पेशल बसें चलाई हैं। इन बसों से बहनों का सफर आसान हो गया है। सरकार ने बहनों के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है, जिससे वे आसानी से अपने भाइयों के घर जा सकेंगी। इन विशेष बसों से यात्रियों को त्योहारों के समय भीड़ से राहत मिली है।

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    संवाद सहयोगी, शाहबाद। जहां एक ओर त्योहार पर लोग अपने घर पहुंचने के लिए बसों और ट्रेनों में भीड़ का सामना करते हैं, वहीं क्षेत्र के गांव ढकिया और डिलारी के बीच भैयादूज पर चलने वाली स्पेशल बस रिश्तों को जोड़ रही है। यहां रक्षाबंधन और भैयादूज पर एक विशेष बस सेवा चलाई जाती है, जो बहनों को उनके ससुराल से मायके और वहां से ससुराल तक सुरक्षित यात्रा कराती है। यह सेवा कई वर्षों से जारी है।

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    ढकिया गांव ठाकुर बहुल गांव है। इस गांव की आबादी 10 हजार से अधिक है। यहां के अधिकतर लोगों की रिश्तेदारी मुरादाबाद जिले की तहसील ठाकुरद्वारा के डिलारी क्षेत्र के चंगेरी, आलिया झाऊ, सुल्तानपुर, महमूदपुर, धारापुर समेत अन्य गांवों में है। दोनों क्षेत्रों के बीच पारिवारिक रिश्ते इतने गहरे हैं कि विवाह संबंध भी प्राय इन्हीं गांवों में होते हैं। इसके मद्देनजर रक्षाबंधन और भैयादूज पर वर्ष में दो बार विशेष बस सेवा की शुरुआत इसी आपसी समझ के तहत की गई है। गांव के लोग रुपये एकत्र कर भैयादूज और रक्षाबंधन के लिए एक बस किराये पर मंगाते हैं। भैयादूज पर बुधवार सुबह ढकिया से एक विशेष बस डिलारी के लिए रवाना हुई।

    इसमें ससुराल में रह रही बहुएं अपने मायके डिलारी पहुंचीं। शाम को वही बस डिलारी से ढकिया लौटी, जिसमें डिलारी क्षेत्र की बहुएं अपने मायके ढकिया पहुंचीं। इस तरह गुरुवार को दूसरे दिन इस बस से सब अपने घर पहुंचेंगी। इस विशेष बस सेवा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें यात्रा कर रही सभी महिलाएं एक-दूसरे की निकट संबंधी होती हैं। ऐसे में न केवल सामान और सुरक्षा को लेकर चिंता नहीं रहती, बल्कि पूरे सफर में अपनेपन का वातावरण बना रहता है।

    गांव निवासी जिला पंचायत सदस्य डॉ. मनोज कुमार सिंह कहना है कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और अब यह पर्व की एक अनिवार्य प्रक्रिया बन चुकी है। केवल रक्षाबंधन और भैयादूज ही नहीं, बल्कि किसी भी सामाजिक या पारिवारिक अवसर जैसे विवाह या शोक कार्यक्रम में भी लोग मिलजुल कर बस की व्यवस्था करते हैं, ताकि सभी एक साथ अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। हालांकि प्रत्येक महिला को दोनों का सफर करने के लिए 240 रुपये किराया चुकाना पड़ता है। एक तरफ की दूरी 100 किमी होती है। यह सेवा 15 वर्षों से जारी है। प्रत्येक दिन बस एक से दो फेरे लगाती है। समाज में बढ़ती व्यस्तताओं के बीच ढकिया और डिलारी क्षेत्र के लोगों की यह सामूहिक पहल रिश्तों को मजबूत करती है।

     

    रोडवेज की बस चलवाने के लिए कोई डिमांड नहीं आई है। अगर, ठाकुरद्वारा-ढकिया मार्ग रोडवेज बस संचालन के लिए मानक के अनुरूप होगा तो, इसे दिखवाया जाएगा और मानक के अनुरूप मिलने पर बस संचालन कराया जा सकता है।- राम प्रकाश, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, रामपुर डिपो