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    UP: हिंसक कुत्ते शहर से बाहर होंगे, सड़क पर खाना खिलाने पर जुर्माना... रामपुर में क्या बनाए गए नियम?

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रामपुर में हिंसक कुत्तों को शहर से बाहर किया जाएगा। सड़कों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर जुर्माना लगेगा फीडिंग स्टेशन बनेंगे। स्वार और टांडा में कुत्तों के हमले से बच्चों की मौत के मामले सामने आए हैं। अधिकारीगण सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने और आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने की बात कह रहे हैं।

    By Rajesh Kumar Edited By: Sakshi Gupta Updated: Fri, 22 Aug 2025 10:46 PM (IST)
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    हिंसक व रैबीज से संक्रमित कुत्तों पर रहेगी नजर, शहर से किए जाएंगे बाहर।

    जागरण संवाददाता, रामपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब हिंसक और रैबीज संक्रमित कुत्तों का को शहर से बाहर किया जाएगा। यही नहीं सड़कों पर कुत्तों को भोजन देने वालों से भी जुर्माना वसूला जाएगा। कुत्तों को भोजन देने के लिए शहर में फीडिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसकी कवायद नगर पालिका की ओर से की जा रही है।

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    पनवड़िया में आवारा कुत्तों के लिए अस्थायी आश्रय स्थल बनाया गया है। कालोनियों से पकड़े जाने वाले कुत्तों को टीकाकरण व बंध्याकरण करने के बाद संबंधित स्थान पर छोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नगर पालिका प्रशासन ने आवारा कुत्तों से लोगों को बचाने के लिए कवायद शुरू कर दी है।

    शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशा की जानकारी लगते ही लोगों में सुधार की उम्मीद जगी है। उन्हें लगता है कि जिम्मेदार विभागों में अपने कर्तव्यों को लेकर कुछ सक्रियता बढ़ेगी। इससे सड़कों पर घूमते दिखाई देने वाले आवारा व आक्रामक कुत्तों के झुंड कम हो जाएंगे। बच्चों व महिलाओं पर बढने वाली हमले की घटनाओं में भी कमी आ सकेगी। चूंकि इन आवारा कुत्ते के आंतक से जनपद के लोग भी परेशान रहते हैं।

    यहां भी शहरों व गांवों में आवारों कुत्तों के न सिर्फ यदा-कदा घुमते हुए झुंड दिखाई दे जाते हैं बल्कि बच्चों व बडों पर हमला भर कर देते हैं। इनके काटने से घायल लोगों की सीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक में लोगों की कतार लगी रहती है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कुछ सुधार की आस जागी है। केस-एक स्वार में कुत्तों के झुंड ने ले ली थी दो बच्चों की जान स्वार: तहसील क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है।

    आए दिन हो रही घटनाओं से ग्रामीण दहशत में रहते हैं। दो वर्ष पूर्व जमीनगंज निवासी प्रधान चंचल सिंह के 11 वर्षीय भतीजे सौरभ की कुत्तों के हमले में मौत हो गई थी। इस हादसे की याद आज भी लोगों में सिहरन पैदा कर देती है। वहीं दूसरा मामला गांव सोनकपुर का है, जहां आवारा खूंखार कुत्तों ने तीन वर्षीय मासूम बालिका आयत की जान ले ली थी।

    तस्वीर अहमद की बेटी आयत घर के बाहर खेल रही थी। तभी गांव में घूम रहे कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला बोल दिया था। बालिका चीखने-चिल्लाने लगी तो आस-पास के लोग लाठी-डंडों से दौड़े और कुत्तों को भगाया, लेकिन तब तक मासूम को कई जगह से बुरी तरह नोंच डाला गया था। अस्पताल ले जाने की तैयारी में थे कि रास्ते में ही मासूम ने दम तोड़ दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में आवारा कुत्तों की भरमार है।

    प्रशासन व विभाग की अनदेखी से आए दिन जानवर इंसानों पर हमलावर हो रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि गांवों से आवारा कुत्तों को पकड़वाया जाए, ताकि आगे कोई और मासूम इनका शिकार न बने। केस-दो नगर में आवारा कुत्तों की भरमार, ले चुके हैं जान टांडा : नगर में आवारा कुत्तों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।

    18 सितंबर 2020 को मुहल्ला आजादनगर निवासी खुर्शीद की पुत्री सना पांच को कुत्तों ने काट लिया था। इलाज के लिए दिल्ली में ले गए थे लेकिन वहां भी जान बचाई नहीं जा सकी। इसी तरह 29 नवंबर 2022 को मुहल्ला पुराना बाजार निवासी अमजद के पुत्र मोहम्मद हारिस (10) की भी दिल्ली में मौत हो गई।

    इन हादसों को संबंधित स्वजन भूल नहीं पाए हैं। आज भी याद आने पर आंखों में आंसू भर आते हैं। इसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। कुत्तों की बढ़ती संख्या से लोग परेशान हैं। कुत्तों के काटने से मरने वाले बच्चों के स्वजन का कहना है कि कुत्तों के काटने से उन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है।

    दुआ करते हैं कि किसी ओर के बच्चे की जान कुत्तों के हमले में नहीं जाए। वैसे यहां सदर बाजार, काजीपुरा, आजादनगर, टंडोला, ताजनगर सहित कई मुहल्लों में कुत्तों के झुंड घूमते रहते हैं। जिससे लोग खासकर बच्चे और बुजुर्ग दहशत में हैं। हालात यह हैं कि लोग शाम ढलते ही मोहल्लों में निकलने से डरते हैं।

    टांडा में कुत्तों के काटने से कई लोग घायल हो चुके हैं। दो मासूम बच्चों की जान भी जा चुकी है। वर्जन सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए नया आदेश जारी किया है। जिसमें कुत्तों को नसंबदी के बाद पुराने स्थान पर ही छोड़ने का आदेश दिया है लेकिन यह आदेश आवारा व रैबीज से संक्रमित कुत्तों को लागू नहीं होने की बात भ्री कही है जो सही है। 

    लक्ष्मण कुमार उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में सार्वजनिक स्थान सड़कों पर कुत्तों को खाने के लिए डालने पर भी मनाही की है। इस आदेश का पालन होने से जरूर कुछ सुधार आने की उम्मीद जागी है। चूंकि कुत्तों की भीड़ बढ़ने की वजह उन्हें सड़कों पर खाने को मिलना भी उनका झुंड बढ़ाता है।

    नजमी मिया सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उम्मीद जागी है कि जिम्मेदार विभाग व लोग अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। आवारा, रैबीज से संक्रमित व आक्रामक कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने को आदेश में दिए नियमों का पालन अवश्य कराएंगे, जिससे आम लोगों को राहत मिल सके।

    हरीश त्यागी नगर पालिका को चाहिए कि वह आवारा, रैबीज से संक्रमित व आक्रामक कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए। इनके हमले से जिन मासूमों की जान जा रही है। उन्हें बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएं ताकि किसी परिवार की बेसमय खुशियां नहीं छिन सकें।

    बीएस माहौर वर्जन आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश जारी होने की बात संज्ञान में आई है। अभी आदेश के बारे विस्तृत जानकारी नहीं हो पाई है लेकिन जो भी आदेश प्राप्त होंगे। उनका कड़ाई से पालन कराया जाएगा। फिलहाल पनवड़ियां में आवारा कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाया जा रहा है।

    साथ ही सड़कों पर आवारा कुत्तों को भोजन न दिया जाए इसके भी प्रबंध किए जाएंगे। शहर में जगह चिह्नित कर कुत्तों के लिए फीडिंग जोन बनाए जाएंगे। कुत्तों की वजह से शहर के लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। -दुर्गेश्वर त्रिपाठी, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका रामपुर।