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    धूमधाम से मनाया गया सर सैयद अहमद खां का जन्मदिन

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 17 Oct 2017 09:57 PM (IST)

    रामपुर : रामपुर रजा लाइब्रेरी के दरबार हॉल में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर

    धूमधाम से मनाया गया सर सैयद अहमद खां का जन्मदिन

    रामपुर : रामपुर रजा लाइब्रेरी के दरबार हॉल में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां के जन्मदिन पर दुर्लभ मुद्रित पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

    कार्यक्रम का शुभारंभ अनवारुल हसन कादरी ने तिलावत ए कलामे पाक से किया। इसके बाद सैयद नवेद कैसर शाह ने हुजूर की शान में नात ए पाक पेश की। मुख्य अतिथि डॉ. हसन अहमद निजामी एवं डॉ. अनवारुल हसन कादरी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि सर सैयद के जीवन का मुख्य उद्देश्य व्यापक अर्थों में शिक्षा थी। वह आधुनिक भारत के निर्माता कहे जाते हैं। वह भारत के मुसलमानों के बीच एक वेज्ञानिक स्वभाव बनाना चाहते थे। कहा कि मुसलमानों की बेहतरी व उन्नति के लिए सर सैयद का अहम योगदान है। सर सैयद कहते थे कि किसी भी समाज का विकास तभी संभव है जब सभी वर्ग के लोग शिक्षित एवं सक्रिये होंगे। लाइब्रेरी के निदेशक प्रोफेसर सैयद हसन अब्बास ने कहा कि सर सैयद एक महान दूरदर्शी, समाज सुधारक थे। सर सैयद की जो नसीहतें हैं हमें उनको याद रखना चाहिए। उनपर अमल करके अपनी ¨जदगी और समाज की उन्नति के लिए प्रयास करना चाहिए। डॉ. अबुसाद इस्लाही ने सभी का धन्यवाद किया। डॉ. तबस्सुम साबिर ने कार्यक्रम का संचालन किया। उधर, सेंट हारिस पब्लिक स्कूल में सर सैयद अहमद खां का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान सामान्य ज्ञान और कला प्रतियोगिता आयोजित की गई। साथ ही प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आगाज अरीबा ने तिलावत ए कलामे पाक से किया। तूबा ने हुजूर की शान में नात ए पाक पेश की। इसके बाद प्रतियोगिताएं कराई गईं, जिसमें मआज अंसारी को प्रथम, सारा खां को द्वितीय और रय्यान को तृतीय स्थान मिला। मुख्य अतिथि तारिक अब्दुल्लाह ने कहा कि आज सर सैयद अहमद खां का जन्मदिन है। हमें इस दिन खुशी के अलावा इस बात पर भी अमल करना है कि हम शिक्षा को जरूर हासिल करेंगे। शिक्षा को समाज में बढ़ावा देना है। उन्होंने भी 1857 का गदर देखकर यही सोचा कि इससे सिर्फ शिक्षा ही बचा सकती है और मुल्क को आजाद करा सकती है। अगर यहां लोग शिक्षा हासिल करेंगे तो ही मुल्क को अंग्रेजों से आजाद करा सकते हैं। इसी को सोचते हुए उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बनाया। इसमें उन्होंने इंग्लिश, सांइस के अलावा दीनी तालीम और संस्कृत को रखा। स्कूल के डायरेक्टर तनवीर खां, एडमिन हेड उबैद खां, नासिर खां व शब्बीर अली खां ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन नोमान गाजी ने किया। इस मौके पर उबैदुर्रहमान खां, फिजा खान, खुर्रम, सबीला, शेख महक, मुम्ताज खां, फराज मुख्तार, शादाब अंजुम, तौहीद गाजी आदि मौजूद रहे।

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