तीन आया संभल रहीं शिशु सदन के 22 मासूम को
रामपुर : अपनों से अलग होकर राजकीय बाल गृह (शिशु सदन) में आए मासूमों को यहां भी उपेक्षि
रामपुर : अपनों से अलग होकर राजकीय बाल गृह (शिशु सदन) में आए मासूमों को यहां भी उपेक्षित होना पड़ रहा है। पर्याप्त स्टाफ न होने से उनकी सही देखभाल नहीं हो पा रही है। यहां जीरो से छह साल आयु के 22 बच्चे हैं, जिनकी देखभाल मात्र तीन आया के भरोसे है। अन्य स्टाफ का भी यही हाल है। आधे अधूरे स्टाफ और अव्यवस्थाओं के बीच शिशु सदन भगवान भरोसे चल रहा है।
शिशु सदन में उन बच्चों को रखा जाता है, जो अनाथ हैं या फिर मां-बाप से बिछुड़ चुके हैं। प्रदेश में मात्र पांच ही शिशु सदन हैं। इनमें जनपद के अलावा लखनऊ, इलाहाबाद, आगरा और मथुरा में हैं। जिले से 300 किलोमीटर दूर तक दूसरा कोई शिशु सदन न होने से मेरठ, गाजियाबाद आदि दूर जिलों से अनाथ या लावारिश बच्चे यहां भर्ती किए जाते हैं। बावजूद इसके यहां शिशु सदन की व्यवस्था बदहाल है। बच्चों की देखभाल के लिए कर्मचारी नहीं हैं। वैसे तो यहां 49 बच्चे हैं, लेकिन इनमें छह साल तक के 22 बच्चे हैं। इनकी देखभाल के लिए आया की तैनाती की जाती है। नियम यह है कि 0 से छह साल की उम्र वाले 10 पर तीन आया की तैनाती की जाएगी, लेकिन यहां तीन आया 22 बच्चों की देखभाल कर रही है। इससे सभी बच्चों पर बराबर ध्यान देना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा अन्य कर्मचारियों के पद भी रिक्त हैं। शिशु सदन में अधीक्षक और सहायक अधीक्षक के पद भी रिक्त हैं। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मी के सात पद हैं। इसके इतर तीन ही तैनात हैं। तीन में भी एक कर्मचारी कैंसर से पीड़ित है और अवकाश पर है। वर्तमान में मात्र दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी काम कर रहे हैं। शिशु सदन की बि¨ल्डग तक अपनी नहीं है। इसे जुल्फिकार इंटर कॉलेज के छात्रावास में चलाया जा रहा है। शिशु सदन में पर्याप्त स्टाफ न होने से अक्सर बच्चे बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ जाता है। कई बच्चों की मौत भी हो चुकी है। शिशु सदन के अधीक्षक का कार्यभार देख रहे सुपरवाइजर राकेश कुमार सक्सेना बताते हैं कि शिशु सदन में स्टाफ की तैनाती के लिए शासन को लिखा गया है। इसके अलावा अपने भवन बनाए जाने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए जिलाधिकारी के प्रयास से जगह का चयन हो गया है।
शिशु सदन में स्टाफ की स्थिति
पद स्वीकृत तैनात रिक्त
अधीक्षक 1 0 1
सहायक अधीक्षक 1 0 1
वरिष्ठ लिपिक 1 0 1
नर्सरी शिक्षक 2 0 2
रसोइया 1 0 1
स्वच्छकार 2 1 1
चतुर्थ श्रेणी 7 3 4
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