जीवन में अनुशासनहीनता है सारी समस्याओं की जड़
जीवन में अनुशासनहीनता है सारी समस्याओं की जड़
जागरण संवाददाता, रामपुर : दैनिक जागरण की ओर से राजकीय जुल्फिकार बालिका इंटर कॉलेज में संस्कारशाला आयोजित की गई। इसमें छात्राओं ने अनुशासित रहते हुए जीवन जीने का संकल्प लिया। इस दौरान अध्यापकों ने भी बालिकाओं को सफलता के लिए अनुशासित रहने का मंत्र प्रदान किया।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य शालू कौशल ने कहा कि अनुशासन राष्ट्रीय जीवन का प्राण है। जो छात्र संस्कारवान नहीं, वह किसी हाल में अनुशासनप्रिय नहीं हो सकता।
कक्षा 11 की छात्रा राहेमीन ने कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का बड़ा महत्व है। इससे धैर्य और समझदारी का विकास होता है। इसके साथ ही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती है। कार्य क्षमता का विकास होता है तथा व्यक्ति में नेतृत्व की शक्ति भी धीरे-धीरे जागने लगती है। जो बच्चे शुरू से अनुशासन का अनुसरण करते हैं, उन्हें स्वत: ही विद्या, ज्ञान एवं सफलता प्राप्त होती है। समाज को सभ्य व प्रगति के रास्ते पर ले जाना है तो हर बच्चे को अनुशासित रहने का संकल्प लेना होगा। यह ऐसा गुण है, जिसकी आवश्यकता हमें जीवन में पग-पग पर पड़ती है। याद रहे कि अनुशासन की पहली पाठशाला परिवार होता है और दूसरी विद्यालय। आज विश्व में जितनी समस्याएं हैं, उनका एक मात्र कारण है हमारा अनुशासनहीन जीवन। अनुशासन का पाठ बचपन से परिवार में रहकर सीखा जाता है। विद्यालय जाकर अनुशासन की भावना का विकास होता है। अच्छी शिक्षा ही विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करना सिखाती है। स्वामी विवेकानंद के अनुसार आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी तथा उच्च मानवीय मूल्यों के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता है। अनुशासन, लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच का सेतु है। अत: हम सबको संकल्प लेना होगा कि जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए हम आज से ही अनुशासन को जीवन में उतारेंगे। इस दौरान शकीम खान, वीणा शर्मा, रेनु देवी, पूजा, प्रगति, बबिता व प्रियंका आदि उपस्थित रहे।
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