तस्करों और वन कर्मियों के बीच हुई मुठभेड़, 12 दिन बाद भी पुलिस कार्रवाई शून्य
रामपुर के सलारपुर वन विभाग चौकी पर लकड़ी तस्करों और वन कर्मियों के बीच मुठभेड़ हुई लेकिन 12 दिन बाद भी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। तस्करों ने वन कर्मियों पर फायरिंग की थी जिसके जवाब में वन कर्मियों ने भी फायरिंग की। मौके से लकड़ी बरामद हुई और तस्कर एक बाइक छोड़ कर फरार हो गए।

संवाद सहयोगी, रामपुर। सलारपुर वन विभाग की चौकी पर लकड़ी तस्करों और वन कर्मियों के बीच हुई मुठभेड़ के 12 दिन बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। मिलक खानम पुलिस मुठभेड़ की घटना को संदिग्ध मान रही है। इससे तस्करों के हौंसले बुलंद हैं।
12 दिन पहले मिलकखानम क्षेत्र के सलारपुर वन चौकी पर लकड़ी तस्कर दीवार की बैरिकेडिंग काटकर 10 गोटे खैर की लकड़ी ले गए थे। इन गोटो को पदमपुर तिराहे पर ड़ालकर पुनः फिर से चौकी से लकड़ी चुराने लगे थे। इस दौरान वन कर्मियों ने देख लिया था।
वन कर्मियों पर की थी फायरिंग
लकड़ी तस्करों ने वन कर्मियों पर फायरिंग की थी। वन कर्मियों ने भी जवाबी फायरिंग कर तस्करों को खदेड़ दिया था। मौके से 19 गोटे खैर की लकड़ी के बरामद किए थे। मुठभेड़ के दौरान वन तस्कर एक बाइक को छोड़कर फरार हो गए थे।
वन रक्षक जगवती की ओर से कंगनगढ़ी, माचियागढ़ और बेरखेड़ी के पांच तस्करों को नामजद करते हुए 10 अज्ञात तस्करों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी थी। लेकिन, पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कर पा रही है। थानाध्यक्ष निशा खटाना ने बताया कि सलारपुर वन विभाग चौकी पर फायरिंग और बाइक मिलने की जांच की जा रही है। अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है।
बाइक की शिनाख्त के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
फायरिंग के बाद बाइक को छोड़कर तस्कर भागे थे। जांच के दौरान पुलिस को पता चला था कि पता कि तहसील बिलासपुर के मुहल्ला भट्टीतोला निवासी मनोज कुमार पुत्र ठाकूरदास के नाम दर्ज है। जिसका नंबर यूपी 22सी 5783 है। पुलिस ने इतनी जहमत तक नही उठाई की बाइक स्वामी की जांच पड़ताल कर घटना का खुलासा कर सके।
पुलिस व वन कर्मी संयुक्त रूप से रात्रि में चौकी पर दे रहे पहरा
स्वार। वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सचल दल की टीम को चौकी पर तैनात करने के निर्देश दिए थे। पुलिस व वन कर्मी संयुक्त रूप से रात्रि में चौकी पर पहरा दिया जा रहा है।
वन रेंजर मुजाहिद हुसैन ने बताया कि अभी तक घटना की रिपोर्ट दर्ज नही हुई है। सलारपुर और पीपली वन में नियमित रूप से गश्त किया जा रहा है।
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