यूपी के इस जिले में अतिक्रमण पर कभी भी चल सकता है बुलडोजर, 2 महीने पहले 480 प्रतिष्ठानों को जारी हुए थे नोटिस
टांडा में लोक निर्माण विभाग ने पुलिस और प्रशासन के साथ मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण का निरीक्षण किया। दुकानदारों को 12 बजे तक अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई है अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। सड़क चौड़ीकरण के लिए पहले ही नोटिस जारी किए गए थे जिसके बाद कुछ व्यापारी हाईकोर्ट चले गए थे। अब प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए तैयार है और कार्रवाई की चेतावनी दी है।

संवाद सूत्र, टांडा। लोक निर्माण विभाग, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने गुरुवार को मुख्य मार्ग पर भ्रमण कर दुकानदारों को गुरुवार रात 12 तक अतिक्रमण हटाने अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी। मुख्य मार्ग सड़क चौड़ीकरण को लेकर चार जुलाई से अतिक्रमण के खिलाफ शुरू हुए अभियान के तहत लोक निर्माण विभाग ने 12 सितंबर यानि कि आज दुकानों पर बुलडोजर चलाने की चेतावनी पहले ही दे चुका है। इसके चलते अब कभी भी प्रशासन का बुलडोजर गरज सकता है।
जिला अधिकारी जोगिंदर सिंह के आदेश पर बिजली के पोल शिफ्टिंग व सड़क चौड़ीकरण को लेकर लोक निर्माण विभाग ने चार जुलाई से विस्तृत पैमाइश के बाद 14 जुलाई को 480 दुकानदारों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में अतिक्रमण हटाने अथवा विधिक कार्रवाई की चेतावनी दी थी। नोटिस के बाद लगभग डेढ़ सौ से अधिक व्यापारी हाईकोर्ट चले गए, जहां हाईकोर्ट ने सभी से अपने दस्तावेज पीडब्लूडी को जमा करने को कहा था।
अवलोकन के बाद पीडब्लूडी ने हाईकोर्ट में जवाब जमा कर सभी के प्रति आवेदन निरस्त कर अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की तैयारी शुरू कर दी है। बुधवार को लोक निर्माण विभाग द्वारा शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने की मुनादी भी कराई गई थी। जिसमें कहा गया कि बादली, टांडा, मोहनपुरा आबादी में सड़क के दोनों ओर जो अतिक्रमण किया गया है।
अब अतिक्रमण को बुलडोजर लगाकर 12 सितंबर को अतिक्रमण संयुक्त टीम द्वारा हटाया जायेगा, एवं विधिक कार्यवाही भी अमल में लायी जायेगी। गुरुवार को लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अधिकारी कृष्णवीर सिंह, उपजिला अधिकारी राजकुमार भास्कर, तहसीलदार निश्चय कुमार, नायब तहसीलदार अमित कुमार, लोक निर्माण विभाग सहायक अभियंता उदयवीर सिंह, भव्यनिधि, जेई आजम आदि व कोतवाली प्रभारी प्रदीप कुमार पुलिस फोर्स के साथ नगर में मुख्य मार्ग पर सदर बाजार में भृमण कर दुकानदारों को गुरुवार देर रात 12 बजे तक हर हाल में अतिक्रमण तोड़ने अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी। सीएचसी के किरायेदार दुकानें खाली नहीं कर रहे थे, दुकान स्वामी को किरायेदारों के खिलाफ पुलिस में कार्रवाई कराने की ताकीद की।
नोटिस का समय पूरा होने के बाद अधिकतर व्यापारियों ने अपनी दुकानें तोड़ना शुरू कर दी थीं , जिसमें हाईकोर्ट से अस्थाई राहत वाले भी शामिल थे। केवल वही हठधर्मी पर अड़े थे, जिन्होंने ने लोगों से रकम जमा कर हाईकोर्ट का रास्ता अपनाया था। या लोगों को हाईकोर्ट भेजा था। वही दुकानदारों से अतिक्रमण तोड़ने को मना करने व प्रशासन का विरोध कर रहे थे। शुक्रवार को प्रशासन की होने वाली कार्रवाई से उनकी भी हवा निकल जायेगी।
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