Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: पति की जहर देकर हत्या करने के मामले में महिला और प्रेमी बरी, छह साल पहले हुई थी युवक की मौत

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 10:51 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के केमरी थाना क्षेत्र में छह साल पहले एक युवक की मौत के मामले में न्यायालय ने मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी को बरी कर दिया है। पुलिस ने जहर देकर हत्या का आरोप लगाया था लेकिन अभियोजन पक्ष इसे साबित नहीं कर सका।

    Hero Image
    पति की जहर देकर हत्या करने के मामले में महिला और प्रेमी बरी

    जागरण संवाददाता, रामपुर। केमरी थाना क्षेत्र में छह साल पहले युवक की मौत के मामले में पुलिस ने उसकी पत्नी और कथित प्रेमी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप था कि महिला ने प्रेमी के लिए पति को जहर देकर मार दिया था। इस मामले में दोनों के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यायालय में अभियोजन इसे साबित नहीं कर सका। इस पर न्यायालय ने महिला और उसके प्रेमी को बरी कर दिया है। महिला के अधिवक्ता डीके नंदा के अनुसार कस्बा व थाना केमरी निवासी सगीर अहमद ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि 20 अगस्त 2019 की सुबह उनका 28 वर्षीय पुत्र तहसीन रजा अपने कमरे में बेहोश मिला था। उसके मुंह से झाग निकल रहे थे।

    मेरे दूसरे दो बेटे तनवीर और वसीम उसे मुरादाबाद साईं अस्पताल ले गए थे। वहां डाक्टरों ने ब्रेन हेमरेज जैसी स्थिति बताते हुए दिमाग का आपरेशन कर दिया। इसके बारे में तहसीन रजा की पत्नी से पूछा तो उसने बताया कि रात में बेटे को उल्टियां हुई थीं।

    आपरेशन के बाद बेटे की याददाश्त कमजोर पड़ गई। साईं अस्पताल में इलाज से फायदा न होने पर बेटे को सर गंगाराम अस्पताल दिल्ली ले गए। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उन्होंने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि मृतक पुत्र की पत्नी के किसी गैर मर्द से संबंध हैं। वह छिपकर उससे मोबाइल पर बात करती थी और वाट्सएप चैट करती थी।

    पुलिस ने प्राथमिकी की जांच पूरी कर मृतक की पत्नी निदा परवीन और उसके कथित प्रेमी कदीर निवासी मुहल्ला माजुल्लापुर केमरी के खिलाफ जहर देने और षड्यंत्र रचने की धारा में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।

    अभियोजन ने घटना के समर्थन में छह गवाह व कई साक्ष्य पेश किए, लेकिन अभियोजन आरोप साबित नहीं कर सका। महिला के अधिवक्ता का कहना था कि उसके द्वारा पति को जहर नहीं दिया गया, बल्कि बीमारी से उसकी मौत हुई थी, जिसे अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट ने साबित भी हुआ है।

    अभियोजन के गवाहों के बयानों में भी विरोधाभास रहा। मृतक का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। घटना की प्राथमिकी दो माह बाद 20 अक्टूबर 2019 को दर्ज कराई गई थी। उनकी दलीलें सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने निदा परवीन और कदीर को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है।