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    46 लोगों से 2 करोड़ की ठगी... फर्जी सिम बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, कम्बोडिया के साइबर अपराधियों से सांठगांठ

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 09:46 AM (IST)

    रामपुर साइबर क्राइम पुलिस ने फर्जी सिम के जरिए ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह कम्बोडिया के साइबर अपराधियों को सिम बेचते थे। पुलिस ने आरोपियों से जाली दस्तावेज और उपकरण बरामद किए हैं। जांच में पता चला कि ये लोग 1200 रुपये में एक सिम बेचते थे और फर्जी ट्रेडिंग कंपनियों के नाम पर लोगों को ठगते थे।

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    फर्जी सिम एक्टीवेट कर कम्बोडिया के साइबर अपराधियों को बेचने वाला गिरोह पकड़ा।

    जागरण संवाददाता, रामपुर। फर्जी सिम एक्टीवेट कर दक्षिण एशियाई देश कम्बोडिया के साइबर अपराधियों को बेचने वाले गिरोह का साइबर क्राइम थाना पुलिस ने पर्दाफाश किया है। गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से जाली अभिलेख व उपकरण भी मिले हैं। इनके द्वारा बेची सिम से साइबर अपराधियों ने 46 लोगों से दो करोड़ से अधिक रकम ठगने की जानकारी पुलिस को मिली है।

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    पकड़े गए सभी आरोपित स्थानीय हैं। इनमें साहब खान निवासी नई बस्ती अजीतपुर थाना सिविल लाइन, परवेश, निवासी ग्राम खेमपुर थाना अजीमनगर, फैजान निवासी बजोड़ी टोला थाना गंज, नूर मोहम्मद निवासी ग्राम मिलकहासम थाना भोट और साबिर अली निवासी ग्राम हकीमगंज थाना अजीमनगर शामिल हैं। इनके पास से पुलिस को छह मोबाइल फोन, 12 जाली आधार कार्ड, तीन फिंगर प्रिंट स्कैनर, एक कलर प्रिंटर, 189 लूज सिम कार्ड और एक लैपटॉप मिला है। इन सभी के खिलाफ थाना साइबर क्राइम बीएनएस की धारा 340(2), 336(3), 338, 61 व आइटी एक्ट की धारा 66सी और 66डी में अभियोग पंजीकृत किया है।

    1200 रुपये में बेचते थे एक सिम

    साइबर क्राइम थाना पुलिस ने आरोपितों से पूछताछ की तो पता चला कि प्रत्येक सिम 1200 रुपये में बेची जाती थी। इनके द्वारा करीब एक हजार फर्जी सिम कार्ड बेचकर 12 लाख रुपये कमाए गए थे।

    इस तरह निकालते थे फर्जी सिम

    सिम खरीदने वाले ग्राहक का अंगूठा लगवाकर एक सिम ईकेवाईसी (बायोमीट्रिक आधारित) से एक्टिव कर अपने पास रख लेते थे, जिसे कम्बोडिया के साइबर अपराधियों को बेच देते थे। दूसरा सिम ग्राहक के आधार कार्ड पर डीकेवाईसी से एक्टिव कर ग्राहक को देते थे। इस तरह सिम खरीदने वाले को पता ही नहीं चलता था कि उसके नाम से दो सिम एक्टिव कर लिए गए हैं।

    ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट के नाम पर फर्जी सिम से की जाती थी धोखाधड़ी

    साइबर अपराधियों द्वारा कम्बोडिया देश से ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से वॉट्सएप ग्रुप बनाया जाता था। इसमें सभी नंबरों के वॉट्सएप पर अलग-अलग फर्जी ट्रेडिंग कंपनियों के महिला मैनेजर की डीपी लगाकर ट्रेडिंग में दोगुणा लाभ का लालच देकर फेक बेवसाइट तथा फिसिंग एप्लीकेशन के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्य के लोगों के साथ साइबर धोखाधड़ी करने में इस्तेमाल किया जाता था। फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से बनाए गए ग्रुप में मोबाइल नंबरों की संख्या अधिक होती है, जिससे शिकायतकर्ता द्वारा सभी मोबाइल नंबरों के विरुद्ध शिकायत दर्ज नहीं कर पाते हैं।

    एसपी ने दी जानकारी

    पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र ने बताया कि अभी तक जांच के दौरान 167 मोबाइल नंबरों का संचालन दक्षिण एशियाई देश कम्बोडिया से होना पाया गया है। 35 मोबाइल नंबरों के विरुद्ध एनसीआरपी (राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर) अलग-अलग राज्यों के साथ साइबर फ्राड की 46 शिकायतें प्रकाश में आयी हैं।

    अलग-अलग राज्यों के 46 लोगों से की जा चु़की ठगी

    फर्जी सिम कार्ड के जरिए देश के अलग-अलग राज्यों के 46 लोगों से ठगी की जानकारी पुलिस को मिली है। इनमें तमिलनाडू राज्य के बैल्लोर निवासी मागेश्वर को ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर उनके साथ 1.18 करोड़ रुपये का फ्राड किया गया। कर्नाटक राज्य के बेंगलुरू निवासी जूलियाना डिकोस्टा के साथ 73.75 लाख रुपये, बेंगलुरू के अब्दुल शुएब से 2.79 लाख रुपये, बेंगलुरू के ही सुन्द्रेश बी से सात लाख 73 हजार रुपये का फ्राड किया गया।

    थाना साइबर क्राइम पुलिस ने पांच लोगों को किया गिरफ्तार

    तेलांगाना राज्य के गन्ता संतोष के साथ दो लाख रुपये, आंध प्रदेश राज्य के तिरूपति निवासी एम पवन कुमार के साथ 1.06 लाख रुपये, गुजरात के बापी टाउन वलसाद निवासी अदनान मंसूरी के साथ इन्वेस्टमेंट के नाम पर दो लाख रुपये का फ्राड किया गया। इस तरह सिम विक्रेताओं के द्वारा बेचे गए सिमकार्ड/मोबाइल नंबरों से देश के अलग-अलग राज्यों के 46 लोगों के साथ दो करोड़ 16 लाख 17 हजार 348 रुपये की धनराशि का साइबर फ्राड किया गया है।