Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Rampur: गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी अदालत के सामने क्‍यों पेश नहीं हो रहीं जयाप्रदा? SC से आए वकील ने कोर्ट को बताई ये वजह

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Mon, 11 Dec 2023 06:14 PM (IST)

    जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के हैं। तब जयाप्रदा रामपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। वह चुनाव ह ...और पढ़ें

    Hero Image
    जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के हैं।- फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रामपुर। फिल्म अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के दो मामलों में पैरवी करने दिल्ली सुप्रीम कोर्ट से अधिवक्ता यहां पहुंचे। दोनों मामलों में जयाप्रदा के गैर जमानती वारंट जारी हैं। उनके अधिवक्ता ने वारंट निरस्त कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, जिसे सुनवाई के बाद अदालत ने खारिज कर दिया और फिर से गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के हैं। तब जयाप्रदा रामपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। वह चुनाव हार गई थीं। उनके खिलाफ स्वार और केमरी थाने में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इनमें स्वार में दर्ज प्राथमिकी में उन पर आचार संहिता के बावजूद 19 अप्रैल को नूरपुर गांव में सड़क का उद्घाटन करने का आरोप है। दूसरा मामला केमरी थाने का है, जिसमें उन पर पिपलिया मिश्र गांव में आयोजित जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।

    एमपी-एमएलए स्‍पेशल कोर्ट में चल रही सुनवाई 

    दोनों मामलों में पुलिस ने जांच पूरी कर आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिए थे। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इन मामलों में पिछली कई तारीखों से वह कोर्ट में पेश नहीं हो रही थीं, जिस पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। सोमवार भी दोनों मामलों में सुनवाई थी। उनके स्थानीय अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि जयाप्रदा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता असगर अली पैरवी करने आए थे। उनके द्वारा वारंट निरस्त कराने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया।

    यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव से पहले मायावती का बड़ा दांव, लंदन में पढ़े भतीजे को सौंपी कमान; युवाओं को साधने की कोशिश

    खराब स्‍वास्‍थ्‍य का द‍िया हवाला 

    वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी की ओर से प्रार्थना पत्र पर आपत्ति दाखिल की गई। आपत्ति पर सुनवाई हुई। जयाप्रदा के अधिवक्ता ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया, जबकि वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी का कहना था कि बार-बार अदालत के बुलाने पर भी वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो रही हैं, जिससे मुकदमे के निस्तारण में विलंब हो रहा है। अभियोजन के मुताबिक दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए जयाप्रदा के फिर से गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। साथ ही उनके जमानती को भी नोटिस जारी किया है। अदालत अब इस मामले में 19 दिसंबर को सुनवाई करेगी।

    यह भी पढ़ें: Article 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर यूपी के ड‍िप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक ने द‍िया बयान, कही ये बातें