Rampur News: प्रशासन ने दिखाई सख्ती, तो मदरसे पर खुद चलवा दिया बुलडोजर... चार कमरे और हॉल किया ध्वस्त
रामपुर-बाजपुर हाईवे चौड़ीकरण में बाधक बने मदरसे पर प्रशासन की सख्ती के बाद संचालक ने खुद बुलडोजर चलवा दिया। मदरसे के चार कमरे और एक हॉल अवैध बताए गए। एसडीएम ने तालाब की जमीन पर बने मकानों को खाली करने की चेतावनी दी थी जिसके बाद मदरसा संचालक ने यह कदम उठाया।

जागरण संवाददाता, रामपुर। रामपुर-बाजपुर हाईवे के चौड़ीकरण में बाधक बन रहे मदरसा अनवारुल उलूम पर लोक निर्माण विभाग ने शिकंजा कसा, तो मदरसा संचालक मुफ्ती मोहम्मद वसीम खां खुद ही बुलडोजर चलवाने को मजबूर हो गए। उन्होंने मदरसे को ध्वस्त कराना शुरू कर दिया है। मदरसे में चार कमरे और एक हाल है। जिसका निर्माण अवैध माना गया है।
हाईवे की चौड़ाई सात मीटर से बढ़कर दस मीटर की जानी है। इसकी जद में मदरसे के साथ 22 दुकानें आ रही हैं। लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 14 दुकानें अवैध रूप से कब्जा कर बनाई गई थीं। उन्होंने इन्हें तोड़ने के लिए निशान भी लगा दिए। इसके पीछे तालाब की जमीन पर आठ मकान बनाए जाने का भी आरोप है। इस भी हल्का लेखपाल ने निशान लगाने की कार्रवाई की थी।
निशान लगने के बाद भी कब्जे नहीं छोड़े
निशान लगने के बाद भी लोगों ने कब्जे नहीं छोड़े। गुरुवार को एसडीएम हिमांशु उपाध्याय टीम के साथ पहुंचे और जगह खाली करने को रविवार तक की मोहलत दी थी। वहीं, तालाब की जगह में आठ मकानों के अलावा एक और भवन है, जिसमें मदरसा संचालित किया जा रहा है। एसडीएम ने उसे भी खाली कराने की चेतावनी दी थी। उनका स्पष्ट कहना था कि अपना सामान स्वयं निकाल कर शिफ्ट कर लें। मदरसे में रहने वाले बच्चों को उनके घर भेजने के निर्देश दिए गए थे। गुरुवार को मदरसा संचालकों ने खुद ही बुलडोजर चलवाना शुरू कर दिया।
प्रशासन का है ये कहना
प्रशासन का कहना है कि 14 दुकान लोनिवि की जमीन पर हैं। जबकि मदरसा व आठ मकान तालाब की भूमि पर है। मदरसा संचालक मुफ्ती मोहम्मद वसीम खां का कहना है कि भवन को गिरवाया जा रहा है। काफी हिस्सा ध्वस्त हो चुका है। पूरा भवन ध्वस्त कराने में दो-तीन दिन लगेंगे।
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