Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दवा की आड़ में जहर: 17 लाख के Codeine कफ सिरप पर मुहर, अवैध कारोबारियों के ड्रग लाइसेंस भी रद

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 06:59 PM (IST)

    रामपुर में दवा की आड़ में जहर का कारोबार करने वालों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। 17 लाख रुपये के कोडीन कफ सिरप जब्त किए गए हैं। इसके साथ ही, अवैध कारोबार ...और पढ़ें

    Hero Image

    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, रामपुर। दो माह पहले शहर कोतवाली क्षेत्र में पुलिस ने एक गोदाम से 17 लाख का कोडीन कफ सिरप पकड़ा था। तब पुलिस ने तो इस मामले में तीन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली थी, लेकिन औषधि विभाग ने अपनी कार्रवाई से पूर्व कफ सिरप के सेंपल जांच के लिए लखनऊ प्रयोगशाला भेजे थे। सेंपल की जांच रिपोर्ट मिल गई है। रिपोर्ट में कोडीन की पुष्टि हुई है। अब औषधि विभाग तीन दवा कारोबारियों पर न्यायालय में वाद दर्ज कराने की तैयारी में है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रतिबंध के बावजूद जिले में कोडीन कफ सिरप की बिक्री चोरी छिपे की जा रही है। दरअसल, इसका प्रयोग दवा के बजाय नशे के लिए अधिक किया जा रहा है। बिना बीमारी के इसकी खरीद की जाती है। जिले में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसी ही शिकायत पर जिलाधिकारी के आदेश पर चार माह पहले औषधि और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने 24 अगस्त को शहर के राजद्वारा में ताज मेडिकल स्टोर पर छापा मारा था।

    इसके बाद मेडिकल को सील कर दिया गया और बाद में उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। इसके बाद आठ सितंबर को एक बड़ी कार्रवाई की गई। औषधि और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने मोरी गेट के पास एक गोदाम पर छापा मारा। यहां काफी मात्रा में कन्डेक्ट्स टीआर 100 एमएल कफ सीरप पड़ा मिला। गिनती कराने पर सीरप की 11893 बोतल मिलीं। इसकी कीमत 17 लाख रुपये थी। इस मामले में औषधि निरीक्षक की ओर से शहर कोतवाली में तीन लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

    इसमें टांडा थाना क्षेत्र के करीमपुर गर्वी गांव के अब्दुल कादिर, टांडा के ग्राम परसुपुरा के अहसान नूरी और अजीमनगर थाना क्षेत्र के बजावाला गांव के अनीस को नामजद किया था। इस मामले में पुलिस ने अहसान नूरी और अब्दुल कादिर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि अनीस फरार चल रहा है।

    इसी मामले में औषधि विभाग ने भी अपनी कार्रवाई के लिए गोदाम में मिले सिरप के सेंपल जांच के लिए लखनऊ प्रयोगशाला भेजे थे। औषधि निरीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि सेंपल की जांच में सिरप में कोडीन की पुष्टि हुई है। अब दवा के नाम पर अवैध कारोबार करने वाले तीनों आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर किया जाएगा।

    सिरप की बिक्री का नहीं दे रहे रिकार्ड, लाइसेंस निरस्त

    कोडीन कफ सिरप की बिक्री बिना डाक्टर के पर्चे पर किया जाना अवैध है और इसकी बिक्री का रिकार्ड सभी दव विक्रेताओं को रखना जरूरी है। बावजूद इसके कुछ दवा विक्रेता चोरी छिपे बिना बिल के इसे बेच रहे हैं। औषधि निरीक्षक ने कोडीन युक्त कफ सिरप की बिक्री का रिकार्ड न देने पर उनके लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। साथ ही गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

    औषधि निरीक्षक ने बताया कि शहर के मुहल्ला पक्का बाग में दवा के थोक विक्रेता उमर, सलमान और मुहल्ला घेर कलंदर खां में उस्मान के यहां जांच करने पर कफ सिरप का कोई भंडारण नहीं मिला, जबकि उनके द्वारा कंपनियों से इसकी खरीद की गई थी। उन्होंने सभी माल बिना बिल के बेच दिया। उमर ने 29 हजार सिरप बेचा, जिसकी कीमत 16.82 लाख है।

    सलमान ने 91 हजार सिरप बेचा, जिसकी कीमत 93 लाख और उसमान ने करीब 25 लाख कीमत के 42 हजार सिरप बेच दिए। सभी को बिक्री के रिकार्ड उपलब्ध कराने को नोटिस दिया गया। उनके द्वारा विक्रय बिल, स्टाक रजिस्टर आदि रिकार्ड नहीं दिया गया। इस पर तीनों के ड्रग लाइसेंस निरस्त करते हुए गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

     

    यह भी पढ़ें- विदेश में थे बेटे, मां ने छुपाया सच! खुद किए हस्ताक्षर, SIR फॉर्म भरने पर मां-बेटों पर दर्ज हुई FIR