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    आठ साल से पशु तस्करी में लगा जुबैर, परिवार किराये के मकान में रह रहा, पुलिस ने रखा एक लाख का इनाम

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 11:12 AM (IST)

    गोरखपुर में छात्र दीपक गुप्ता की हत्या के मामले में फरार जुबैर पर पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया है। जुबैर आठ साल से पशु तस्करी में लिप्त है और उसके खिलाफ 15 मुकदमे दर्ज हैं जिनमें सिपाही पर जानलेवा हमला भी शामिल है। पुलिस और एसटीएफ उसकी तलाश कर रही है लेकिन वह अभी भी फरार है। वह बिहार से बांग्लादेश तक पशु तस्करी करता है।

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    आठ साल से पशु तस्करी कर रहा जुबैर, किराये के मकान में रह रहा परिवार

    जागरण संवाददाता, रामपुर। गोरखपुर में गो तस्करों द्वारा नीट की तैयारी कर रहे छात्र दीपक गुप्ता की अपहरण के बाद हत्या के मामले में फरार जुबैर की गिरफ्तारी पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम रखा है। गोरखपुर पुलिस की एक टीम उसकी तलाश में यहां डेरा डाले हुए है। एसटीएफ भी उसे तलाश रही है।

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    शहर कोतवाली के मुहल्ला घेर मर्दान खां का रहने वाला जुबैर वैसे तो आठ साल से पशु तस्करी कर रहा है, लेकिन उसका नाम एक साल पहले चर्चा में आया। उसके खिलाफ बलरामपुर पुलिस ने पहली सितंबर 2024 को अभियोग पंजीकृत किया था, जिसमें आरोप था कि उसने पशु तस्करी रोकने गए सिपाही के सिर पर डंडा मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था और फरार हो गया था।

    तब उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया था। एसटीएफ ने शहजादनगर थाना क्षेत्र से उसे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। जमानत पर छूटने के बाद वह फिर अपराध करने लगा। इस बार उसने गाेरखपुर में पशु तस्करी के दौरान अपने साथियों से मिलकर युवक की हत्या कर दी और फरार हो गया है।

    गोरखपुर पुलिस और एसटीएफ उसे तलाश कर रही है। अब उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम रखा है। लोगों में उसके बारे में तरह-तरह की चर्चा है। दरअसल, पशु तस्करी के अवैध धंधे में वह आठ साल पहले उतरा था। शहर कोतवाली पुलिस ने 19 अगस्त 2017 को पहली बार गिरफ्तार किया था। उसके पास से सात पशु मिले थे।

    इसके बाद उसके खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज हुए। बलरामपुर और गोरखपुर के मुकदमों को मिलाकर उसके खिलाफ आठ साल में 15 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। स्थानीय थानों की बात करें तो शहर कोतवाली में उसके खिलाफ दो, गंज कोतवाली में पांच, मिलक कोतवाली में चार और केमरी थाने में दो मुकदमे दर्ज हैं।

    कोई संपत्ति नहीं बना सका जुबैर

    खास बात यह है कि पशु तस्करी के इस धंधे में उतरने के बाद भी वह कोई संपत्ति नहीं बना सका। उसका परिवार अब भी मुहल्ला घेर मर्दान खां में किराये के मकान में रह रहा है। जुबैर के चार भाई है जिसमें वह तीसरे नंबर का है। पिता की मृत्यु हो चुकी है। वह अभी अविवाहित है।

    सूत्रों के अनुसार, गोरखपुर पुलिस की एक टीम उसकी तलाश में यहां डेरा डाले हुए हैं। पुलिस ने उसके घर पर भी दबिश दी। परिवार के सदस्यों से पूछताछ की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला।

    आसपास के लोगों का कहना है कि करीब छह माह से उसे किसी ने नहीं देखा। वह ज्यादातर बाहर रहकर गो तस्करी के अपराध में संलिप्त रहता है। उसका गैंग है जिसकी मदद से बिहार से बांग्लादेश व नेपाल से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में गोवंशीय पशुओं की तस्करी कर सप्लाई करता है।