सरकारी अस्पताल में पैसे मांगने की शिकायत पर नोडल अधिकारी ने जताई नाराजगी
रामपुर जिले में चिकित्सीय सेवाओं की हकीकत जानने को सरकारी अस्पतालों के निरीक्षण पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की सचिव एवं जिले की नोडल अधिकारी अपर्णा यू को तमाम अनियमितताएं मिलीं।

रामपुर : जिले में चिकित्सीय सेवाओं की हकीकत जानने को सरकारी अस्पतालों के निरीक्षण पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की सचिव एवं जिले की नोडल अधिकारी अपर्णा यू को तमाम अनियमितताएं मिलीं। मिलक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव के दौरान पैसे मांगने की शिकायत पर उन्होंने नाराजगी जताई। निरीक्षण के दौरान वहां मौजूद एसीएमओ डॉ. मनोज कुमार शुक्ला को शिकायत की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
नोडल अधिकारी मंगलवार को सबसे पहले जिला अस्पताल पहुंची। यहां सिटी स्कैन वार्ड में पहुंचकर तैनात स्टाफ से प्रतिदिन होने वाले सिटी स्कैन की संख्या और रिपोर्ट एवं वार्ड खुलने का समय सहित विभिन्न बिदुओं पर बारीकी से पूछताछ की। ब्लड बैंक के निरीक्षण के दौरान पता चला कि यहां लंबे समय से कई पद रिक्त हैं। इस पर नोडल अधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुबोध कुमार को स्वीकृत पदों को कांट्रेक्ट के आधार पर भरने के निर्देश दिए। पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंचकर उन्होंने केंद्र में भर्ती बच्चों की माताओं से बातचीत की तथा उन्हें परिवार नियोजन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जनपद में लोगों को परिवार नियोजन एवं इससे परिवार के सदस्यों के पोषण स्तर में सुधार आदि के बारे में जागरूक करें। उन्होंने पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को प्रदान किए जाने वाले आहार के बारे में भी एनआरसी प्रभारी डॉ. मुहम्मद हैदर अली खां से पूछताछ की। प्रभारी ने बताया कि जिला अस्पताल में एनआरसी की शुरुआत 2015 से हुई थी। इसमें 10 बेड की व्यवस्था है। इसके अलावा अलग रसोईघर, आरओ, गीजर आदि की व्यवस्था है। यहां कुपोषित बच्चों को 14 दिन रखा जाता है। उन्हें पौष्टिक आहार के अलावा विटामिन, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम आदि दवाएं देते हैं। अब तक करीब दो हजार बच्चों का इलाज हो चुका है। यहां से नोडल अधिकारी ने प्रसव कक्ष में पहुंचकर महिलाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता एवं जागरूकता के लिए जिम्मेदार आशाओं की सक्रियता के बारे में पूछा। आशाओं की ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रियता में कमी की बात सामने आई, जिस पर नोडल अधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि वह आशाओं की सक्रियता बढ़ाने की दिशा में कार्य करें। साथ ही लापरवाह एवं स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को गंभीरता पूर्वक लागू न कराने वाली आशाओं के विरुद्ध कार्रवाई करें। इमरजेंसी वार्ड के निरीक्षण में नोडल अधिकारी को 108 एम्बुलेंस को लेकर लोगों में जागरूकता होने की बात पता चली। दरअसल, उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों से पूछा कि उन्हें इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा 108 के बारे में जानकारी है या नहीं। इस पर मरीजों ने कहा कि उन्हें भरोसा नहीं था कि एम्बुलेंस आएगी या नहीं, इसलिए वे अपने साधनों से यहां आए। यह सुनकर नोडल अधिकारी ने 108 के प्रोजेक्ट मैनेजर को तत्काल तलब कर नाराजगी जताई। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा कि एम्बुलेंस सेवाओं से जुड़े जरूरी नंबरों का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार कराएं, ताकि लोगों में जागरूकता हो।
जिला अस्पताल के निरीक्षण के बाद नोडल अधिकारी किला परिसर में कोरोना वैक्सीन के लिए बने कोल्ड चेन सेंटर गईं। यहां वैक्सीन सुरक्षित रखने को की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। यहां से नोडल अधिकारी ने मिलक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ग्राम लोहा स्थित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर तथा धमौरा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। मिलक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के दौरान एक व्यक्ति ने डिलीवरी के नाम पर पैसे लिए जाने की शिकायत की। उसने नोडल अधिकारी को बताया कि यहां बेटी होने पर 500 और बेटा होने पर एक हजार रुपये लिए जाते हैं। इस पर नोडल अधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

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