Updated: Sun, 14 Sep 2025 02:35 PM (IST)
रामपुर जिले में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए एक नए साइबर क्राइम थाने की स्थापना की गई है। पुलिस लाइन परिसर में बनने वाले इस थाने के भवन के लिए 363.96 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। पिछले एक साल में थाने में 145 शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें से कई पीड़ितों को उनकी रकम वापस दिलाई गई।
जागरण संवाददाता, रामपुर। जिले में साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यहां साल सैकड़ों की संख्या में शिकायती पत्र आनलाइन फ्राड के संबंध में आते हैं। हालांकि इन मामलों के लिए प्रत्येक थाने में साइबर हेल्प डेस्क बनाया है, लेकिन इन मामलों के लिए अलग साइबर क्राइम थाने की जरूरत पड़ रही है। इसके चलते वर्ष 2024 में यहां साइबर क्राइम थाने की स्थापना की गई थी।
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तब इसे पुलिस कंट्रोल रूम भवन में दो कमरों में शुरू किया गया। साइबर क्राइम के मामलों को वर्कआउट करने के लिए यह जगह पर्याप्त नहीं है। इसे देखते हुए विभाग ने साइबर क्राइम थाने के भवन निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। यह प्रस्ताव मंजूर हो गया है।
साथ ही साइबर क्राइम थाने के नए भवन के लिए बजट भी स्वीकृत हो गया है। पुलिस लाइन परिसर में इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। थाने के प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए 363.96 लाख रुपये बजट स्वीकृत किया गया है। यह प्रोजेक्ट यूपी होम डिपार्टमेंट की ओर से मंजूर किया गया है।
साइबर क्राइम थाने में एक साल में आईं 145 शिकायतें
पहली अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक साइबर क्राइम थाने में 145 शिकायतें साइबर क्राइम से संबंधित आईं। इनमें ज्यादातर शिकायतें 10 हजार रुपये से कम फ्राड की थीं, जिनमें साइबर क्राइम थाना पुलिस ने प्रयास कर पीड़ित को रकम वापस दिला दी।
30 प्रार्थना पत्र ऐसे आए, जिनमें ठगी की रकम 10 हजार से अधिक थी। इन सभी 30 मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की गई।
शिकायतकर्ताओं से साइबर अपराधियों द्वारा ठगे 2.21 करोड़ रुपये फ्रीज करा दिए गए। साइबर क्राइम थाना प्रभारी आशाराम वर्मा ने बताया कि फ्रीज की गई रकम को न्यायालय द्वारा शिकायतकर्ताओं को वापस दिलाया जा रहा है। एक करोड़ से अधिक रकम वापस दिलाई जा चुकी है।
राजकीय निर्माण निगम करा रहा थाने का निर्माण
साइबर क्राइम थाने के निर्माण के लिए बजट स्वीकृत हो गया है। निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई हैं। पुलिस लाइन परिसर में थाना बनाया जा रहा है। इसे राजकीय निर्माण निगम द्वारा बनाया जा रहा है। - विद्यासागर मिश्र, पुलिस अधीक्षक।
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