झील व तालाब पाटते रहे, जिम्मेदार सोते रहे... मंडलायुक्त की जांच टीम पहुंची और लापरवाही बरतने पर लगाई फटकार
झील पाटने के मामले में मंडलायुक्त द्वारा गठित टीम ने मौके पर पहुंचकर पालिका और तहसील स्तर के अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर फटकार लगाई। टीम ने भूमि की जांच की और कार्रवाई में ढिलाई पर नाराजगी जताई। अधिकारियों ने पूछा कि अवैध कब्जे के समय प्रशासन क्यों सोया रहा। जांच रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपी जाएगी।

संवाद सहयोगी, बिलासपुर/रामपुर। नगर में चर्चित झील व तालाब को पाटने के मामले में मंडलायुक्त द्वारा गठित की गई दो सदस्यीय टीम शनिवार की शाम मौके पर पहुंच गई। यहां उन्होंने जमीन, तालाब और झील का निरीक्षण कर पालिका व तहसील स्तरीय अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर हड़काया।
निर्माणाधीन झील की दीवारें तोड़ने तथा तालाब की भूमि पर मिटटी डालकर रास्ता बनाने वाला प्रकरण अब तूल पकड़ता जा रहा है।
झील पाटने के प्रकरण की जांच को मंडल से पहुंची दो सदस्यीय टीम
शनिवार की शाम चार बजे मंडलायुक्त द्वारा गठित की गई टीम झील पर पहुंच गई। टीम में अपर आयुक्त द्वितीय शशि भूषण और लोकनिर्माण विभाग अधिशासी अभिंयता सत्यपाल सिंह शामिल रहे। टीम ने वहां पहले से ही मौजूद पालिका की टीम से पूछताछ की और एसडीएम अरुण कुमार सिंह व तहसीलदार शिवकुमार शर्मा से भी अभिलेख तलब किए।
तालाब और खरीदी भूमि की जांच की
टीम ने भूमि कारोबारी द्वारा खरीदी गई भूमि की जांच पड़ताल की और तालाब आदि का निरीक्षण किया। इसके अलावा वहां नवनिर्माण की गई दीवारों की भी समीक्षा की और रास्ता बनाने के लिए डाली गई मिटटी को भी बारीकी से देखा। अधिकारियों ने अभिलेखों को बारीकी से जांच कर स्वयं मौके की फोटोग्राफी की। टीम के दोनों अधिकारियों ने पालिका कर्मचारियों और तहसील प्रशासन के विरुद्ध नाराजगी जाहिर की। कार्रवाई में लापरवाही दिखाने पर उन्हें हड़काया भी।
अफसरों ने कहा कि जब मौके पर तालाब को पाटकर भूमि पर अवैध कब्ज़ा किया जा रहा था तो कार्रवाई में इतनी ढिलाई क्यों। पालिका और प्रशासन को चाहिए था, कि इस प्रकरण की बारीकी से जांच की जाती तथा इसमें जरा भी कोताही नहीं बरती जाती। करीब एक घंटे तक जांच पड़ताल करने के बाद दोनों अधिकारी प्रस्थान कर गए।
अपर आयुक्त द्वितीय ने बताया कि उनके द्वारा समूचे प्रकरण की जांच की गई है। जांच आख्या मंडलायुक्त को सौंपी जाएगी। उनके आदेशानुसार ही अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
झील व तालाब पर कब्ज़ा होता रहा और प्रशासन सोता रहा
बिलासपुर। जांच को पहुंचे दोनों अधिकारियों ने नाराजगी दिखाते हुए एसडीएम व तहसीलदार से कहा कि झील की दीवारें तोड़कर तालाब पर कब्ज़ा होता रहा और प्रशासन आंख मूंद कर सोता रहा। किसी भी अधिकारी ने इसे रोकने का प्रयास नहीं किया। झील की दीवारें तोड़ दी गईं और कई डंपर मिट्टी डालकर रास्ता बना दिया गया। इसकी खबर किसी को नहीं लग पाई। क्या पालिका और प्रशासन तालाब पर पूरा कब्ज़ा करवाने के बाद ही नींद से जागता। अधिकारियों की नाराजगी देख कर्मचारी मौन नजर आए। इसके अलावा उन्होंने झील के निकट एक धार्मिक स्थल वाली भूमि के दस्तावेज भी तलब किए हैं।
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