टांडा-मुरादाबाद इलेक्ट्रिक बस सेवा ठप, यात्री परेशान, मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कराई थी शुरू
मुरादाबाद और टांडा के बीच इलेक्ट्रिक बस सेवा बंद होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। मंडलायुक्त के प्रयास से शुरू हुई यह सेवा लोगों को आरामदायक सफर प्रदान कर रही थी। आरोप है कि प्राइवेट बस संचालकों के दबदबे के कारण बस सेवा बंद हुई। पालिका अध्यक्ष ने मंडलायुक्त से बसें फिर से शुरू कराने की मांग की है, क्योंकि मुरादाबाद से टांडा के बीच कई लोगों का आना-जाना लगा रहता है।

बस सेवा बंद होने से यात्री परेशान।
संवाद सहयोगी, जागरण. टांडा। मुरादाबाद टांडा के बीच एक साल पहले शुरू हुई मुरादाबाद–टांडा इलेक्ट्रिक सिटी बस सेवा अचानक बंद हो गई। इससे दैनिक यात्रियों, छात्रों व नौकरीपेशा लोगों को खासा परेशान होना पड़ रहा है।
लोगों की मांग पर मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह के प्रयास से यह बस सेवा एक साल पहले 19 अक्तूबर को शुरू हुई थी। शुरुआत में इस रूट पर छह इलेक्ट्रिक बसें चलाई गईं, बाद में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सेवा का दायरा भी बढ़ाया गया। स्थिति यह थी कि लगभग हर 15 मिनट पर बसों का संचालन हो रहा था, जिससे यात्रियों को समय और आरामदायक सफर की सुविधा मिलने लगी थी।स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस रूट पर लंबे समय से प्राइवेट बस संचालकों का दबदबा है, जो किसी भी अन्य बस सेवा को पनपने नहीं देते। पहले भी मुरादाबाद–बाजपुर रूट पर रोडवेज की बसें घाटे और दबाव के कारण बंद हो चुकी हैं।
प्राइवेट बसों की मनमानी
बस स्टैंड से चलने के बाद बादली तक बसें रेंगती हुई जाती हैं और वहां सवारियां भरने के नाम पर काफी देर खड़ी रहती हैं। इसके बाद मानपुर नहर, सिरसवां दोराहा, डूंगरपुर आदि कई स्थानों पर भी बसों को लंबे समय तक रोका जाता है। इससे आधे–पौन घंटे का सफर डेढ़ से दो घंटे में पूरा होता है। वहीं बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों को भूसे की तरह भर दिया जाता है, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
लोगों ने मंडलायुक्त से बंद की गई बसें चालू कराने की मांग
नगर पालिका अध्यक्ष साहिबा सरफराज ने मंडलायुक्त को प्रेषित पत्र में कहा है कि उनके आदेशानुसार टांडा से मुरादाबाद तक इलैक्ट्रोनिक ई-बसों का संचालन सुचारू किया था, जिससे लोगों को यात्रा करने में काफी सुविधा थी। लेकिन अचानक पता लगा कि उनके द्वारा चलवाई गई ई-बसों को बन्द कर दिया गया है। जिससे यात्रियों को काफी निराशा हुई है।
टांडा का 25 प्रतिशत व क्षेत्र का अधिकतर तबका मुरादाबाद से कनेक्ट है जो प्रतिदिन अपनी जीविका कमाने मकजदूरी करने जाता है। चिकित्सा व्यवस्था हेतु हायर सेन्टर भी मुरादाबाद में ही है, जिसके कारण नागरिकों का मुरादाबाद से आना जाना बना रहता है। उन्होंने फिर से इलैक्ट्रोनिक ई बसों का संचालन सुचारू कराये जाने की मांग की।
प्राइवेट बस संचालक मनमानी करते हैं। खटारा बसों का कोई मानक नहीं है। जिस से यात्रियों को परेशानी होती है। इलेक्ट्रिक बसें चलने से सफर कम समय में पूरा होने लगा था। - भूदेव सैनी
छात्रों को मुरादाबाद डिग्री कॉलेज आदि जाने के लिए इलेक्ट्रिक बस सबसे अच्छा साधन था। समय पर पहुंचने के साथ ही भीड़ भी कम होती थी। अब छात्रों को पहले की तरह बसों में धक्का–मुक्की, देरी का सामना करना पड़ेगा। - एम सगीर, सभासद
इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से काफी सुविधा थी। रास्ते मे बीच मे खड़ी होने के बजाए सीधी सेवा थी, जो मुरादाबाद रोडवेज तक जाती थीं। जिस से कहीं बाहर जाने में भी आसानी हो जाती थी। लेकिन बसों के बंद होने से दिक्कत बढ़ जाएगी। मार्ग पर सिटी बस या रोडवेज बसों का संचालन होना चाहिए। -मुहम्मद तौसीफ

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