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    रामपुर की बच्ची को चार साल बाद मिला इंसाफ, दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कैद की सजा

    By Bhaskar SinghEdited By: Samanvay Pandey
    Updated: Thu, 13 Oct 2022 01:50 PM (IST)

    Misdeed Minor Girl Case रामपुर की एक बच्ची को चार साल बाद कोर्ट से इंसाफ मिला है। चार साल पहले जब बच्ची सात साल की थी तब युवक ने अपहरण करके उसके साथ दुष्कर्म किया था। कोर्ट ने युवक को 20 साल कैद की सजा सुनाई है।

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    Misdeed Minor Girl Case : रामपुर के स्वार कोतवाली क्षेत्र में चार साल पहले हुई थी घटना

    जागरण संवाददाता, रामपुर। Misdeed Minor Girl Case : रामपुर की एक बच्ची को चार साल बाद कोर्ट से इंसाफ मिला है। चार साल पहले जब बच्ची सात साल की थी तब युवक ने अपहरण करके उसके साथ दुष्कर्म किया था। इस मामले में कोर्ट ने युवक को दोषी करार देते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई है। 

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    अदालत ने 20 रुपये का जुर्माना भी लगाया

    अदालत ने दोषी पर 20 हजार रुपये जुर्माना भी डाला है। घटना रामपुर जनपद के स्वार कोतवाली क्षेत्र में चार साल पहले हुई थी। यहां के एक गांव निवासी व्यक्ति ने स्वार कोतवाली में रिपोर्ट कराई थी कि उसकी सात साल की बेटी को 21 अप्रैल 2018 को एक युवक बहला फुसलाकर खेत पर लगे ट्यूवबेल पर ले गया।

    वारदात अंजाम देते समय ही ग्रामीणों ने युवक को पकड़ लिया

    ट्यूबवेल पर युवक ने बेटी के साथ दुष्कर्म किया। उसकी चीख सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे लोग आ गए थे। उन्होंने उसे पकड़ लिया। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया, जो शहजादनगर थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला फिरासत पुत्र नबी हसन था। स्वार पुलिस ने युवक के खिलाफ अपहरण करके दुष्कर्म करने की रिपोर्ट दर्ज की थी।

    गवाहों और साक्ष्यों ने घटना को साबित किया

    विवेचना पूरी कर युवक के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। अदालत में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुमित कुमार शर्मा ने बहस की। उनका कहना था कि गवाहों और साक्ष्यों ने घटना को साबित किया है। उन्होंने अभियुक्त को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की।

    बचाव पक्ष ने रखे अपने तर्क

    बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने उसे झूठा फंसाने का तर्क दिया। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) नीलू मोघा ने फिरासत को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना जमा न करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।