संवाद सहयोगी, स्वार। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश से कोसी नदी उफान पर आ गई है। रामनगर बैराज से रुक-रुककर पानी छोड़ा जा रहा है। कोसी नदी में जलस्तर बढ़ता देख किसान परेशान हैं और अपने पशुओं के लिए चारा भी नही ला पा रहे हैं।
उत्तराखंड के रामनगर बैराज से सोमवार की रात 41 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। मंगलवार की सुबह 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रुक रुककर थोड़ा थोड़ा पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे कोसी नदी उफान पर आने लगी है। कोसी नदी का जलस्तर बढ़ता देख नदी किनारे बसे लोगो को बाढ़ की चिंता सताने लगी है। फिलहाल कोसी नदी में रामनगर से 25 हजार क्यूसेक पानी चल रहा है। क्षेत्र में रुक रुककर हो रही मूसलाधार बारिश से कोसी नदी का जलस्तर रोजाना बढ़ रहा था। किसान नदी पार अपनी जमीनों में खड़ी फसल को देख नही पा रहे हैं और पशुओं के लिए लगाया चारा भी नष्ट होकर रह गया है।
मरम्मत के अभाव में कई जगह धंसी तटबंध की मिट्टी
कोसी नदी पर तटबंध वर्ष 2011 में 14 करोड़ की लागत से बनाया गया था। लेकिन, सिंचाई विभाग कि देखरेख के अभाव में जगह जगह खराब हो गया है। कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से बांध में दरारें पड़ गई हैं। पानी बांध से सटा हुआ चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि सिंचाई विभाग बांध के प्रति लापरवाह बना है। रुस्तमनगर छापर्रा गांव के सामने पिछले वर्ष बांध कट गया था। प्रशासन द्वारा तुरंत मरम्मत कराई गई थी।
आ रोप है कि अगर कोसी नदी में फिर से उफान आया तो बांध पानी का तेज बहाव नहीं झेल पायेगा। जिसका खमियाजा नदी किनारे बसे लोगो को झेलना पड़ेगा। पानी का जलस्तर बढ़ने पर तेज धार के चलते जमीनों का कटान हो रहा है। किसान जमीन को कटता देख काफी परेशान हैं। एसडीएम अमन देओल ने बताया कि बाढ़ चौकियों को निर्देशित कर दिया है। फिलहाल कोसी नदी का पानी सामान्य है। कर्मचारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
कोसी नदी किनारे बसे दो दर्जन गांवों के ग्रामीण जागकर गुजार रहे रात
जालफनगला, अजीमनगर, फाजलपुर, धनौरी, मधुपुरा, छापर्रा, बंदरपुरा, मिलककाजी, धनपुर, शहदरा, सोनकपुर, फरीदपुर, रसूलपुर, खेमपुर, इमरता, बजावाला, खिजरपुर, पासियापुरा, चांदपुर, समोदिया, रुस्तमनगर आदि गांव नदी से सटे हुए हैं। कोसी नदी में उफान आता है तो इन गांवों के लोगो को रात छतों पर बैठकर काटनी पड़ती है। कब पानी आ जाये इसका डर हमेशा बना रहता है।
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