Move to Jagran APP

चाकू ही नहीं लकड़ी के लिए भी मशहूर है रामपुर, जानिए सूबे की इस सबसे बड़ी मंडी में क्या है खास Moradabad news

अब तक आप मुरादाबाद मंडल के रामपुर जिले को रामपुरी चाकू की वजह से जानते रहे होंगे लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि रामपुर में सूबे की सबसे बड़ी लकड़ी की मंडी भी है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 08:25 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 08:25 AM (IST)
चाकू ही नहीं लकड़ी के लिए भी मशहूर है रामपुर, जानिए सूबे की इस सबसे बड़ी मंडी में क्या है खास  Moradabad news
चाकू ही नहीं लकड़ी के लिए भी मशहूर है रामपुर, जानिए सूबे की इस सबसे बड़ी मंडी में क्या है खास Moradabad news

रामपुर (मुस्लेमीन)। चाकू का जिक्र आते ही जेहन में रामपुर का नाम आ ही जाता है लेकिन, अब शहर को एक नई पहचान मिल रही है। यह नई पहचान लकड़ी कारोबार के रूप में है। इस समय रामपुर उत्तर प्रदेश में लकड़ी की सबसे बड़ी मंडी है। इससे यहां के करीब दस हजार लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। पहले यहां बड़ी-बड़ी फैक्टियां थीं, जो धीरे-धीरे विभिन्न कारणों से बंद होती चली गईं। रजा टेक्सटाइल्स, रजा शुगर मिल, मक्का मिल, दाल मिल, खेतान फर्टिलाइजर, साइकिल बनाने की हंसा फैक्ट्री, शिवा पेपर मिल और राइस मिलों के बंद होने से हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए।

loksabha election banner

लकड़ी कारोबारी फैसल लाला रामपुर में लकड़ी कारोबार बढऩे की वजह बताते हैं कि रामपुर तराई क्षेत्र है। पहले यहां गन्ना बहुत पैदा होता था। सरकारी चीनी मिलें बंद हो गईं और निजी मिलें मनमानी करने लगीं। किसानों को गन्ने का भुगतान समय पर नहीं मिलता था। ऐसे में किसानों ने गन्ने की खेती बंद करखेतों में पापुलर और यूकेलिप्टिस के पौधे लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद से लकड़ी कारोबार शुरू हो गया। 2009 से 2012 के बीच उप्र सरकार ने आरा मशीनों, विनियर और प्लाइवुड के लाइसेंस जारी किए तो रामपुर के लोगों ने सबसे ज्यादा लिए। इसके बाद रामपुर में लकड़ी के कारोबार ने तेजी पकड़ी।

उत्तर प्रदेश की नंबर वन लकड़ी मंडी

आज रामपुर उत्तर प्रदेश की नंबर वन लकड़ी मंडी है। एक प्लाइवुड फैक्ट्री में 200 से 250, विनियर मशीन पर 50 से 60 और आरामशीन पर आठ से 10 लोग काम करते हैं। इनके अलावा लकड़ी खरीदने और बेचने में भी सैकड़ों लोग लगे हैं। उनकी भी विनियर मशीन है और करीब दो करोड़ का सालाना कारोबार है। नैनीताल रोड पर बिलासपुर गेट के पास और दिल्ली लखनऊ हाईवे पर पनवडिय़ा के आसपास लकड़ी की मंडी लगती हैं। यहां लोग लकड़ी बेचते और खरीदते हैं। दूसरे जिलों से भी यहां लकड़ी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रक आते हैं।

दूसरे प्रदेशों में आपूर्ति

किट प्लाई गणपति प्लाइवुड के निदेशक अश्विनी अग्रवाल बताते हैं कि उनके यहां करीब 250 लोग काम करते हैं। उनकी फैक्ट्री में छह एमएम से 18 एमएम तक के प्लाई बोर्ड तैयार होते हैं, जो कोलकाता, बेंगलुरु, सूरत, चेन्नई आदि स्थानों पर सप्लाई होते हैं। रामपुर में करीब 700 करोड़ का सालाना लकड़ी कारोबार है। किट प्लाई का नाम देशभर में जाना जाता है। हालांकि यह फैक्ट्री बंद हो गई थी, जिसे अब गणपति प्लाईवुड द्वारा चलाया जा रहा है।

बाहर से आते हैं लकड़ी बेचने

गुलनाज ट्रेडिंग कंपनी के मालिक और लकड़ी के सप्लायर मुहम्मद नदीम बताते हैं कि वह लकड़ी खरीदने और बेचने का काम करते हैं। रामपुर में लकड़ी का पत्ता (विनियर) तैयार होता है, जो देश के कोने-कोने में जाता है। रामपुर में पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं, सितारगंज, अमरोहा, सम्भल, गजरौला के लोग भी लकड़ी बेचने आते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.