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    पाकिस्तान से कपड़ों का बिजनेस करते-करते बन गया ISI का एजेंट, उत्तर प्रदेश एटीएस ने किए कई बड़े खुलासे

    Updated: Thu, 22 May 2025 04:06 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश एटीएस ने मुरादाबाद से शहजाद नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तान से कपड़ों का व्यापार करने के बहाने आईएसआई के लिए जासूसी कर रहा था। पूछताछ में पता चला कि वह आईएसआई के अधिकारियों के संपर्क में था और देश में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा था। खुफिया एजेंसियां उसके नेटवर्क और सहयोगियों की जांच कर रही हैं।

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    पुलिस और खुफिया तंत्र सतर्क हो गया। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    संसू,जागरण, रामपुर । थाना टांडा के मौहल्ला आजादनगर निवासी शहजाद पाकिस्तान से कपड़े, कंबल आदि सामान लाकर यहां बेचता था। सालों से व्यापार करते-करते वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने लगा।

    आइएसआइ के अधिकारियों के लगातार संपर्क में था। उसकी गिरफ्तारी के बाद अब खुफिया तंत्र जिले के ऐसे लोगों की तलाश कर रहा है, जिनका पाकिस्तान से कोई भी व्यापार हो रहा है।

    उत्तर प्रदेश एटीएस ने पांच दिन पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी कर रहे शहजाद को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया था। एटीएस उसे लखनऊ ले गई थी, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। उसके पाकिस्तानी कनेक्शन होने और उसकी गिरफ्तारी की जानकारी न तो स्थानीय पुलिस को थी और ही खुफिया तंत्र को हुई।

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    अगले दिन मीडिया में खबरें आने पर पुलिस और खुफिया तंत्र सतर्क हो गया। शहजाद के घर जाकर स्वजन से जानकारी की। एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियां भी अब शहजाद के नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं।

    मोबाइल की काल डिटेल्स और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के माध्यम से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उसका संबंध किन लोगों से था? वह दिल्ली में कहां रुकता था और वहां उसके किससे संबंध थे। उसका असली मकसद क्या था? एटीएस को यह भी जानकारी मिली है कि वह आइएसआइ के कहने पर देश में कोई बड़ी घटना को अंजाम देना चाहता था।

    उधर, स्वजन का कहना है कि वह कपड़ों का व्यापार करता था और पाकिस्तान से कपड़े मंगवाकर उन्हें यहां बेचता था। उस पर जासूस होने का आरोप गलत है। दूसरी ओर खुफिया एजेंसियों को शक है कि यह कारोबार सिर्फ एक दिखावा था और इसके पीछे देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश थी।

    खुफिया एजेंसियां उसके सहयोगियों और रिश्तेदारों की भी निगरानी कर रही हैं, जिनमें से कुछ ने उससे दूरी बना ली है। एजेंसियों को उम्मीद है कि पूछताछ के जरिए आइएसआइ के इस नेटवर्क से जुड़ी और जानकारी मिल सकेगी।