पुलिस को फिर याद आई ग्राम सुरक्षा समितियां
रामपुर : कानून व्यवस्था बनाए रखने में मददगार ग्राम सुरक्षा समितियां एक बार फिर जीवित होंगी। ए
रामपुर : कानून व्यवस्था बनाए रखने में मददगार ग्राम सुरक्षा समितियां एक बार फिर जीवित होंगी। एडीजी बरेली प्रेम प्रकाश के निर्देश पर जिले की पुलिस ने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। अधिकारी गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं। समितियां बनाई जा रही हैं। जनता में पुलिस का विश्वास बढ़ाने और अपना नेटवर्क मजबूत करने के लिए कई साल पहले ग्राम सुरक्षा समितियों का गठन किया गया था। इसके पीछे मंशा यह थी कि समितियों के होने से अपराधों पर अंकुश लगाने में पुलिस को मदद मिलती। गांवों में होने वाली प्रत्येक गतिविधियों की जानकारी पुलिस को मिले। इससे जहां एक तरफ पुलिस का गांव-गांव में अपना नेटवर्क रहेगा, वहीं पुलिस अपराधियों पर समय रहते हुए कार्रवाई कर सकेगी। इसके अलावा प्रतिमाह सुरक्षा समितियों की थाना स्तर पर बैठकें करने, बाकायदा इसका एक रजिस्टर बनाने और समितियों द्वारा दिए जाने वाले सुझावों को उसमें दर्ज कर अमल करना भी शामिल था। शुरुआती दौर में तो थाना स्तरों पर बैठके हुईं, लेकिन ज्यों-ज्यो समय गुजरता गया। पुलिस ने सुरक्षा समितियों को अहमियत देना बंद कर दिया। अब हालत यह है कि समितियां कागजों में चल रही हैं। पुलिस की उदासीनता से सदस्यों का भी समिति से मोह भंग
हो गया है। पिछले माह बरेली जोन का चार्ज लेने वाले अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश ने समितियों की अहमियत को समझा और इन्हें दोबारा जीवित करने के आदेश जारी किए। एडीजी के आदेश पर जिले में अमल शुरू हो गया है। अधिकारी गांव-गांव जा रहे हैं। अपर पुलिस अधीक्षक सुधा ¨सह ने आगापुर गांव में प्रधान अब्दुल सत्तार और ग्रामीणों से बात की। पांच सदस्यीय समिति गठित की। इसके अलावा सीओ सिटी ओपी आर्य ने भमरौआ गांव में प्रधान असलम और अन्य ग्रामीणों के साथ बैठक की। यहां भी पांच सदस्य समिति बनाई गई है।
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