आरटीई आवेदन में गलती होने से अब फार्म नहीं होगा रद, अभिभावकों को बुलाकर कराई जाएगी सुधार प्रक्रिया
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत आवेदन में अब गलतियां होने पर फर्म रद नहीं होंगे। अभिभावकों को ब्लाक स्तर पर स्थापित हेल्प डेस्क के माध्यम से गलतियां सुधारने का मौका मिलेगा। इस बार चयन प्रक्रिया पांच चरणों में होगी। विभाग जागरूकता अभियान चलाएगा ताकि अधिक से अधिक पात्र बच्चे लाभान्वित हो सकें। गरीब परिवारों को शिक्षा का खर्च कम करने में मदद मिलेगी।
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जागरण संवाददाता, रामपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के आवेदन फर्म में गलती होने पर अब फार्म निरस्त नहीं किए जाएंगे। अभिभावकों को गलतियां सुधार करने का मौका मिलेगा। इसके लिए ब्लाक स्तर पर हेल्प डेस्क बनाई जाएगी। पहले चरण के लिए आवेदन दिसंबर में होने की उम्मीद है। आवेदन आनलाइन किए जा सकेंगे।
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिला दिलाने के लिए सरकार की ओर से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदन कराए जाते हैं। इन बच्चों की फीस विभाग ही भरता है। इसके लिए वर्ष 2026-27 के नए सत्र में कई बदलाव किए गए हैं। ताकि पात्र बच्चों को दाखिला आसानी से मिल सके।
शिक्षा विभाग ने अभिभावकों को आरटीई के आवेदन फार्म में गलती सुधारने का मौका देने का निर्णय किया है। पहले गलती होने पर फार्म रद हो जाता था। अब सुधार के लिए समय मिलेगा, जिससे अभिभावकों को राहत मिलेगी और समय की बचत होगी। विभाग ने नए सत्र में शिक्षा प्रणाली को सुगम बनाने के लिए कई और बदलाव भी किए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत स्कूलों में खाली सीटों को भरने और अधिक से अधिक आवेदन कराने के लिए एक बहुआयामी रणनीति तैयार की है, जिसका मुख्य फोकस जन-जागरूकता और प्रशासनिक सहयोग पर है। इसके तहत जिले में सघन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इसमें स्थानीय समाचार पत्रों, इंटरनेट मीडिया और सार्वजनिक घोषणाओं के माध्यम से आरटीई के नियमों और पात्रता मानदंडों की जानकारी को जन-जन तक पहुंचाना शामिल है। विभाग का मानना है कि कई पात्र अभिभावक जानकारी के अभाव में आवेदन नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा, ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के सहयोग से विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे।
जहां अभिभावकों को आनलाइन आवेदन फार्म भरने में सहायता प्रदान की जाएगी। आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा। ताकि अभिभावकों को किसी भी प्रकार की अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।
जिले के 756 निजी स्कूलों में 6917 बच्चों को मिलेगा प्रवेश
जिले के निजी स्कूलों की मैंपिग कराई जा चुकी है। सत्र 2026-27 में जनपद के सभी ब्लाक के 756 स्कूलों में बच्चों को आरटीई में दाखिला मिलेगा। पहली बार आगामी सत्र में पांच चरण में प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद बच्चों का आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आइडी और अभिभावकों के आधार कार्ड से सत्यापन किया जाएगा।
हेल्प डेस्क के कर्मी आवेदन की गलती अभिभावकों को बुलाकर ठीक करवाएंगे। दाखिला देने वाले बच्चे का आधार कार्ड बने होने पर ही फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी। हर चरण में सीटें आवंटित होने और दाखिले की समीक्षा की जाएगी। प्रत्येक ब्लाक के हर शिक्षा अधिकारियों को हर एक एक बच्चे के दाखिले की जानकारी भी साझा करनी होगी।
आवेदन प्रक्रिया की निगरानी के लिए प्रत्येक ब्लाक में नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। जो यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रक्रिया पारदर्शी होने के साथ निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरी हो जाए। जिससे आर्थिक और शैक्षिक रूप से कमजोर वर्ग को सीधा लाभ मिल सके।
- कल्पना देवी, बीएसए, रामपुर
आरटीई के तहत इन बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च ट्यूशन फीस, किताबें, यूनिफार्म का कुछ हिस्सा राज्य सरकार वहन करती है। इससे गरीब परिवारों पर पड़ने वाला वित्तीय बोझ कम होता है, और उनके बच्चों को निजी स्कूलों में मिलने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच प्राप्त होती है।
- सुनील कुमार श्रीवास्तव, डीसी, सामुदायिक सहभागिता

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