डूंगरपुर प्रकरण में आजम खान के अधिवक्ता ने मुरादाबाद में तैनात LIU इंस्पेक्टर से की जिरह, अब 28 अक्टूबर को होगी सुनवाई
डूंगरपुर मामले में आजम खान के वकील ने मुरादाबाद के एलआईयू इंस्पेक्टर से जिरह की। अदालत में हुई इस सुनवाई के दौरान कई सवाल पूछे गए। मामले की अगली सुनवाई अब 28 अक्टूबर को होगी, जिसमें आगे की कार्यवाही की जाएगी।

जागरण संवाददाता, रामपुर। डूंगरपुर प्रकरण में गवाह से जिरह से पूर्व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां की ओर से 10 हजार रुपये हर्जाना जमा कराया गया। इसके बाद आजम खां के अधिवक्ता ने गवाह से जिरह की। इसमें मुरादाबाद में तैनात एलआइयू निरीक्षक शरद पवार भी गवाह हैं। उनकी गवाही पहले हो चुकी है। आजम खां के अधिवक्ता ने गवाह को जिरह के लिए दोबारा बुलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे न्यायालय ने 10 हजार रुपये हर्जाना जमा करने की शर्त पर मान लिया था।
डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का है। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी और आजम खां कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर तोड़ दिया गया था। इन लोगों ने ही भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे। 11 लोगों की ओर से दर्ज अलग-अलग मुकदमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनका सामान लूट लिया और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था।
इन मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। इसमें मुरादाबाद में तैनात एलआइयू निरीक्षक शरद पवार भी गवाह है। उनके द्वारा गंज कोतवाली में तैनाती के दौरान मुकदमे की विवेचना की गई थी। उनसे जिरह के लिए आजम खां के अधिवक्ता ने री-काल प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर अभियोजन ने आपत्ति जताई थी। हालांकि बाद में कोर्ट ने 10 हजार रुपये हर्जाना जमा करने पर ही गवाह से जिरह का अवसर दिया था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि मंगलवार को गवाह कोर्ट में पेश हुए। उनसे बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जिरह की। जिरह पूरी हो गई है। इससे पहले आजम खां की ओर से 10 हजार रुपये न्यायालय में जमा कराए गए। हर्जाने की यह धनराशि गवाह को प्राप्त करा दी गई है। अब इस मामले में 28 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
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