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    फर्जी फर्म के जरिए गाजियाबाद से खरीदा 50 लाख का कोडीन सीरप, रामपुर-रुद्रपुर में बेचा

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 08:31 PM (IST)

    रामपुर में कोडीन युक्त सीरप की बिक्री की जांच में चौंकाने वाली बात सामने आई है। गाजियाबाद से माल खरीदने वाली छह फर्मों में से एक बोगस निकली। टांडा में ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, रामपुर। कोडीन युक्त सीरप की बिक्री को लेकर चल रही जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। गाजियाबाद से माल खरीदकर खपाने वाली छह फर्मों के खिलाफ चल रही जांच में एक फर्म बोगस निकली।

    टांडा में तीन दिन पहले औषधि निरीक्षक जांच करने पहुंचे तो वहां फर्म नहीं मिली। इसके पते पर कोई और कारोबार होता पाया गया। फर्म जिस व्यक्ति के नाम से पंजीकृत दर्शाई गई, वह व्यक्ति भी वहां नहीं मिला।

    उसके उत्तराखंड भागने की चर्चा है। उसने गाजियाबाद से 50 लाख रुपये की कीमत का कोडीन युक्त सीरप खरीदकर रामपुर और रुद्रपुर में बेच दिया। फर्म संचालक के खिलाफ औषधि विभाग के अधिकारी कार्रवाई की तैयारी में हैं।

    कोडीन युक्त सीरप की अवैध रूप से बिक्री की जा रही है। जिले में भी करोड़ों रुपये कीमत का कोडीन युक्त सीरप बेचा गया है, जिसकी जांच चल रही है। औषधि विभाग की ओर से फर्म संचालकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं और उनसे कोडीन सीरप के क्रय विक्रय का हिसाब मांगा जा रहा है।

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    इस समय ऐसी छह फर्म रडार पर हैं। इन फर्मों के बारे में गाजियाबाद के औषधि विभाग के अधिकारियों से जानकारी मिली है, जिसमें बताया गया है कि इन फर्मों द्वारा गाजियाबाद के थोक विक्रेताओं से बड़ी मात्रा में कोडीन युक्त सीरप खरीदा गया है।

    इसके बाद औषधि निरीक्षक ने फर्मों का निरीक्षण किया और उन्हें नोटिस भेजकर क्रय विक्रय का हिसाब मांगा है। कोडीन युक्त सीरप की अवैध बिक्री करने वाली ये फर्म सदर समेत स्वार और टांडा तहसील में हैं।

    अब तक की जांच में टांडा की फर्म के बोगस होने की जानकारी मिली है। टांडा में जाकर जांच करने के दौरान पता चला कि उस पते पर कोई फर्म नहीं है। वहां कोई अन्य व्यक्ति अपना दूसरा कारोबार कर रहा है।

    फर्म संचालक के बारे में जानकारी से पता चला है कि वह उत्तराखंड भाग गया है। इस फर्म द्वारा 50 लाख रुपये का सीरप रामपुर में बेचने की आशंका है। औषधि निरीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि अभी एक ही फर्म ने अपना हिसाब दिया है। टांडा में उस पते पर फर्म ही नहीं मिली। अन्य फर्मों का हिसाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।