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    यूपी में अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ दर्ज हुआ मामला, क्या लगे आरोप? कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय

    Updated: Wed, 27 Nov 2024 11:09 PM (IST)

    भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में परिवाद दर्ज हुआ है। यह परिवाद अखिल भारतीय अल्पसंख्यक अधिवक्ता एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मोहम्मद रेहान खां के प्रार्थना पत्र पर हुआ है। रेहान खां का कहना है कि मिथुन चक्रवर्ती का बयान संप्रदाय विशेष के खिलाफ था और दो संप्रदाय के बीच दुश्मनी पैदा करने वाला था।

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    फिल्म अभिनेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए गंज कोतवाली में शिकायत।

    जागरण संवाददाता, रामपुर। भड़काऊ भाषण देने के आरोप में फिल्म अभिनेता एवं भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में परिवाद दर्ज हुआ है। यह परिवाद अखिल भारतीय अल्पसंख्यक अधिवक्ता एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मोहम्मद रेहान खां के प्रार्थना पत्र पर हुआ है। 

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    परिवादी रेहान खां का कहना है कि पहली नवंबर को उन्होंने सोशल मीडिया और चैनल पर फिल्म अभिनेता के विवादित बयान की वीडियो देखी, जिसमें वह कोलकाता में भाजपा के एक कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह व अन्य नेताओं की मौजूदगी में विवादित बयान दे रहे थे। उनका बयान संप्रदाय विशेष के खिलाफ था।

    दो संप्रदाय के बीच दुश्मनी पैदा करने वाला बयान

    प्रार्थना पत्र में कहा है कि फिल्म अभिनेता का यह बयान दो संप्रदाय के बीच दुश्मनी पैदा करने वाला है। भारतीय सम्प्रभुता, एकता व अखंडता को खतरे में डालने वाला है। ऐसा बयान देने पर उन्होंने फिल्म अभिनेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए गंज कोतवाली में शिकायत की। 

    पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजा। पुलिस द्वारा कार्रवाई न होने पर न्यायालय की शरण ली है। अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय ने उनके प्रार्थना पत्र पर परिवाद दर्ज करते हुए फिल्म अभिनेता को तलब करते हुए नोटिस जारी किया है। न्यायालय में उनके परिवाद पर अब तीन दिसंबर को सुनवाई होगी।

    आजम खां के खिलाफ यतीमखाना प्रकरण में नहीं पहुंचा गवाह, टली सुनवाई

    समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के विरुद्ध यतीमखाना प्रकरण में गवाह न आने से सुनवाई टल गई। अब 29 नवंबर को सुनवाई होगी। आजम खां के विरुद्ध यतीमखाना प्रकरण का मामला मुहल्ला सराय गेट के निकट स्थित यतीमखाना बस्ती से जुड़ा है। 

    इस बस्ती को वर्ष 2016 में जबरन खाली कराया गया था। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। आजम खां के इशारे पर सपाइयों ने पुलिस फोर्स के साथ बस्ती को जबरन खाली करा दिया था। मुकदमे में घरों में घुसकर मारपीट करने, छेड़छाड़ करने, रुपये, जेवर और भैंस-बकरी लूटकर ले जाने के आरोप हैं।

     

    इन मुकदमों में आजम खां समेत सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, इस्लाम ठेकेदार आदि भी नामजद हैं। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। यतीमखाना प्रकरण में शहर कोतवाली में 12 लोगों द्वारा अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे। 

    पहले सभी की अलग-अलग सुनवाई चल रही थी, लेकिन बाद में न्यायालय ने इन सभी को एक मान लिया। अभियोजन की ओर से गवाही कराई जा रही है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई होनी थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि गवाह नहीं आने से सुनवाई टल गई है। अब शुक्रवार को सुनवाई होगी।