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    जेल से बाहर आने के बाद भाजपा विधायक पर बरसे आजम तो अपने सांसद को भी नहीं छोड़ा, मीडिया के सामने कई बार हुए भावुक

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 07:47 PM (IST)

    23 महीने सीतापुर की जेल में कैद रहने के बाद सपा नेता आजम खान ने 55 दिनों तक खुले में सांस ली। इस दौरान वह अपने इलाज के साथ विपक्षियों संग अपनी पार्टी के ही सांसद पर बरसते रहे। मीडिया के सामने कई बार भावुक भी हुए। इस दौरान दो मामलों में न्यायालय ने उन्हें बरी किया तो इसे उन्होंने न्याय की जीत बताया।

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    जागरण संवाददाता, रामपुर। 23 महीने सीतापुर की जेल में कैद रहने के बाद सपा नेता आजम खान ने 55 दिनों तक खुले में सांस ली। इस दौरान वह अपने इलाज के साथ विपक्षियों संग अपनी पार्टी के ही सांसद पर बरसते रहे। मीडिया के सामने कई बार भावुक भी हुए। इस दौरान दो मामलों में न्यायालय ने उन्हें बरी किया तो इसे उन्होंने न्याय की जीत बताया।

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    शत्रु संपत्ति कब्जाने के मामले में 23 सितंबर को आजम सीतापुर जेल से रिहा हुए थे। सबसे पहले उन्होंने मीडिया के सामने बिना नाम लिए अपनी पार्टी के मुखिया पर तंज कसते नजर आए। अखिलेश यादव को ‘बड़े लोग’ जैसे संबोधन से नवाजते रहे। आठ अक्टूबर को जब अखिलेश यादव रामपुर में आवास पर जाकर आजम खां से मुलाकात कर गए तब वह उनको लेकर शांत नजर आए। हालांकि, इस दौरान उन्होंने सपा के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को निशाने पर ले लिया।

    उनके रुख को भांपते हुए ही अखिलेश यादव ने लखनऊ से साथ आ रहे सांसद नदवी को बरेली में ही छोड़ दिया। इसके बाद भी आजम खान ने नदवी पर कई तल्ख टिप्पणियां की। हालांकि, इसके जवाब में सांसद ने भी उन पर निशाना साधा। बात जब आजम खान की वाई श्रेणी सुरक्षा की आई तो उन्होंने शहर विधायक आकाश सक्सेना को निशाने पर ले लिया।

    कहा- शहर की इज्जत लूटने वाले, आबरू लूटने वाले और लोकतंत्र लूटने वालों को सरकार ने कमांडो दे रखे हैं। विधायक की ओर से पलटवार न होने पर आजम ने उनके पिता पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना को कट्टा बेचने वाला बता दिया। आजम का यह बयान भी खूब प्रसारित हुआ। हालांकि, विधायक आकाश सक्सेना फिर भी चुप्पी साधे सही समय का इंतजार करते नजर आए। सोमवार को आजम व उनके बेटे को सजा सुनाए जाने के बाद ही उन्होंने चुप्पी तोड़ी और कहा कि यह सत्य की जीत है।

    इसी क्रम में आजम खान ने नवाब खानदान के खिलाफ भी आक्रामक रहे। इसके जवाब में हमजा मियां ने भी कई बार पलटवार किया।

    इसके अलावा मीडिया के सामने बार-बार आजम खान ‘मैं तो मुर्गी चोर हैं, बकरी चोर हूं, मुझे एक ही मामले में 21 वर्ष की सजा सुना दी गई, 36 लाख का जुर्माना लगाया गया है, मेरे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों का भी संज्ञान नहीं लिया गया’ जैसे बयान देकर अपने आपको लाचार, पीड़ित और असहाय साबित कर सहानुभूति बटोरने का प्रयास करते नजर आए। इसी क्रम में राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के साथ आजम खान और अब्दुल्ला आजम का अलग-अलग साक्षात्कार भी इंटरनेट मीडिया पर सुर्खियों में रहा।

    दस्तावेजी साक्ष्यों की काट नहीं तलाश पाए आजम

    आजम खान के खिलाफ दर्ज कुछ मुकदमे दस्तावेजी साक्ष्यों से भरपूर हैं, जो उन्हें सजा दिलाने के लिए अपने आप में पर्याप्त हैं। इनमें ही दो पैन कार्ड का मामला भी शामिल है। मुकदमे की सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि किसी भी दशा में एक व्यक्ति के दो पैन कार्ड नहीं बन सकते हैं। अगर किसी के पैन कार्ड में कोई तथ्य गलत दर्ज हो गया है तो उसके लिए अलग से आवेदन करके उसे सही कराया जा सकता है। मगर उस दशा में भी पैन कार्ड का नंबर नहीं बदलेगा। वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान आजम खां अपने बेटे अब्दुल्ला आजम को विधायक बनाने की मंशा से उनका दूसरा पैन कार्ड बनवाया।

    इसके लिए उनके प्रयास से ही अब्दुल्ला का लखनऊ से दूसरा जन्म प्रमाणपत्र बनाया गया। उस प्रकरण में भी आजम खां और अब्दुल्ला के साथ ही उनकी पत्नी तजीन फात्मा को सात-सात साल की सजा हो चुकी है। पैन कार्ड के मुकदमें की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से प्रस्तुत किए गए दस्तावेजी साक्ष्य की काट निकालने में आजम खां की ओर से प्रस्तुत किए गए तर्क काम नहीं आए। इससे साफ हो गया कि बेटे को समय से पहले विधायक बनाने की चाह में आजम खां के इशारे पर दूसरा पैन कार्ड तैयार किया गया था।


    बिस्कुट के दो पैकेट लेकर पहुंचे जेल


    आजम खान को भी पैन कार्ड के मामले में सजा होने का अनुमान था। इसीलिए वह बिस्कुट, कंबल व कुछ कपड़े लेकर अदालत पहुंचे थे। सजा होने के बाद पुलिस उन्हें अपनी गाड़ी से लेकर रामपुर कारागार पहुंची। आजम जब गाड़ी से उतरे तो उनके हाथ में बिस्कुट के दो पैकेट थे जबकि, उनके एक समर्थक के पास कंबल आदि कपड़े थे।


    जेल के बाहर बड़े भाई के गले लगे अब्दुल्ला


    आजम खान को सजा की खबर फैलते ही उनके समर्थक जेल के बाहर जुट गए थे। हालांकि, पुलिस भी इसको लेकर सतर्क थी। आजम व अब्दुल्ला को लेकर जैसे ही पुलिस की गाड़ी जेल परिसर पहुंची तो पुलिस ने सभी को वहां से खदेड़ दिया। इस दौरान वहां मौजूद आजम खान के बड़े बेटे अदीब से अब्दुल्ला गले मिले और कान कुछ बात भी कही।