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    आजम खान की फ‍िर बढ़ने वाली हैं मुश्किलें, फैसले के करीब पहुंचे ये तीन बड़े मामले

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 03:20 PM (IST)

    आजम खान की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं क्योंकि उनके खिलाफ तीन बड़े मामलों में अदालत का फैसला जल्द आने वाला है। इनमें हेट स्पीच, जमीन हड़पने और बिजली चोरी के मामले शामिल हैं। इन फैसलों का आजम खान के राजनीतिक भविष्य पर गहरा असर पड़ सकता है। अदालत के फैसले का सभी को इंतजार है।

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    जागरण संवाददाता, रामपुर। आने वाले दिनों में सपा नेता आजम खां की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। उनके खिलाफ न्यायालय में चल रहे तीन मुकदमे फैसले के करीब पहुंच चुके हैं। तीनों में अंतिम बहस चल रही है। इनमें एक मामला उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला के दो पेन कार्ड का भी है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने दो माह में फैसला करने के आदेश दिए हैं। इसकी सुनवाई तेजी से चल रही है। इस मामले में अभियोजन की अंतिम बहस पूरी हो चुकी है। अब आजम खां और अब्दुल्ला के अधिवक्ता को बहस करनी है।

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    यह मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में वर्ष 2019 में दर्ज कराया था, जिसमें आरोप है कि असत्य एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अब्दुल्ला का पेन कार्ड बनवाया गया और उसे उपयोग में भी लाया गया। एक पेन कार्ड में जन्मतिथि पहली जनवरी 1993 है, जबकि दूसरे में जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है। पुलिस ने प्राथमिकी की जांच पूरी कर अब्दुल्ला के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। पेनकार्ड मामले में अब्दुल्ला के अलावा आजम खां भी आरोपित हैं।

    भाजपा विधायक के अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि इसमें सुप्रीम कोर्ट ने दो माह में फैसला सुनाने के आदेश दिए हैं। पिछली तारीख पर अभियोजन की ओर से बहस की गई थी। अभियोजन की बहस पूरी हो चुकी है। अब बचाव पक्ष को बहस करनी है। उनकी बहस पूरी होने के बाद फैसला सुनाया जाएगा।

    दूसरा मामला पूर्व सांसद अमर सिंह के परिवार पर टिप्पणी करने को लेकर है। अमर सिंह की ओर से लखनऊ के गोमतीनगर थाने में वर्ष 2018 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें कहा था कि आजम खां ने 23 अगस्त 2018 को एक न्यूज चैनल को साक्षात्कार दिया था। इस दौरान अमर सिंह से संबंधित सवाल पर आजम खां ने उनके परिवार को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

    बाद में यह मामला लखनऊ से रामपुर स्थानांतरित हो गया, क्योंकि आजम खां ने यह साक्षात्कार जौहर यूनिवर्सिटी में दिया था, जो थाना अजीमनगर क्षेत्र में आती है। अजीमनगर थाना पुलिस ने इसकी विवेचना पूरी कर आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिए थे। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इसमें अभियोजन की गवाही पूरी हो गई है। बचाव पक्ष ने गवाह व सफाई साक्ष्य पेश करने करने से मना कर दिया था। इसके बाद पत्रावली अंतिम बहस में लग गई है। अंतिम बहस पूरी होने के बाद इसमें भी फैसला सुनाया जाएगा।

    तीसरा मामला सेना पर विवादित बयान देने के आरोप का है। आठ साल पुराना यह मामला भी फैसले के करीब पहुंच गया है। इसे भी भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 30 जून 2017 को सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज कराया था। भाजपा विधायक का कहना था कि आजम खां सपा कार्यालय पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। वह केंद्र और प्रदेश सरकार के विरोध में बोल रहे थे। अचानक उन्होंने सेना के जवानों को लेकर आपत्तिजनक बयानबाजी कर दी। पुलिस ने इस मामले में जांच पूरी कर आजम खां के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। यह मामला भी अंतिम बहस पर चल रहा है।