यतीमखाना मामले में आजम खान के सफाई-साक्ष्य के मौके खत्म, गवाह ना आने से कोर्ट ने बहस में लगाई पत्रावली
सपा नेता आज़म ख़ान के यतीमखाना प्रकरण में लगातार दूसरी तारीख पर भी उनकी ओर से कोई गवाह पेश न होने के कारण शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। पिछली तारीख पर भी गवाह न आने पर न्यायालय ने गवाही का अवसर समाप्त कर दिया था। अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए बचाव पक्ष के सफाई-साक्ष्य का मौका भी खत्म कर दिया और मामले की पत्रावली लगा दी है।

जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के यतीमखाना प्रकरण में शुक्रवार को भी गवाह न पहुंचने से सुनवाई नहीं हो सकी। पिछली तारीख पर भी आजम की ओर से गवाह नहीं आए थे। न्यायालय ने उस गवाही का अवसर समाप्त किया था। अब एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने नाराजगी जताते हुए सफाई-साक्ष्य का अवसर समाप्त करते हुए पत्रावली लगा दी है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा के अनुसार अब पांच दिसंबर को पत्रावली पर बहस की जाएगी। आजम खान के विरुद्ध यह मामला शहर कोतवाली क्षेत्र की यतीमखाना बस्ती से जुड़ा है। आरोप है कि वर्ष 2016 में आजम खां के इशारे पर सपाइयों ने पुलिस फोर्स के साथ बस्ती को जबरन खाली करा दिया था।
क्या हैं आरोप?
मुकदमे में घरों में घुसकर मारपीट करने, छेड़छाड़ करने, रुपये, जेवर और भैंस-बकरी लूटकर ले जाने के आरोप हैं। इन मुकदमों में आजम खान समेत सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, इस्लाम ठेकेदार आदि भी नामजद हैं।
मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। यतीमखाना प्रकरण में शहर कोतवाली में 12 लोगों द्वारा अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे। पहले सभी की अलग-अलग सुनवाई चल रही थी, लेकिन बाद में न्यायालय ने इन सभी को एक मान लिया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।