आजम खान के अब तक 12 मुकदमों में आया फैसला, डूंगरपुर प्रकरण में 10 साल की सजा
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के खिलाफ अब तक 12 मुकदमों में फैसले आए हैं, जिनमें से 7 में उन्हें सजा हुई है। हाल ही में उन्हें पैन कार्ड मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई। इससे पहले, उन्हें भड़काऊ भाषण और डूंगरपुर प्रकरण जैसे मामलों में भी सजा हो चुकी है, जबकि कुछ मामलों में वह बरी भी हुए हैं।

जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के खिलाफ अब तक 12 मुकदमों में फैसला आ चुका है। सोमवार को पैन कार्ड मामले में दोष सिद्ध होने के बाद अब तक उन्हें सात मामलों में सजा मिल चुकी है जबकि, पांच मुकदमों में वह बरी हो गए हैं।
आजम खान पर वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ 84 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें से अब तक 12 मामलों में फैसला आ चुका है। इनमें एक मामला मुरादाबाद का है। 13 फरवरी 2023 को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मुरादाबाद ने छजलैट में हाईवे जाम करने के आठ साल पुराने मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसमें अब्दुल्ला की विधायकी चली गई थी।
इसके अलावा, अन्य मामलों में रामपुर की अदालत से फैसले हुए। इनमें पहला फैसला 27 अक्टूबर 2022 को सुनाया गया था। यह मामला भड़काऊ भाषण का था, जो मिलक कोतवाली में दर्ज हुआ था। इसमें एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी।
सजा के खिलाफ उन्होंने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में अपील की थी। सजा के फैसले को सेशन कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। इसके बाद 15 जुलाई 2023 को भड़काऊ भाषण के एक दूसरे मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने आजम खान को दो साल कैद और ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
यह सजा शहजादनगर थाने में दर्ज मुकदमे में हुई थी। इसमें सजा के खिलाफ उनकी अपील सेशन कोर्ट से खानरिज हो चुकी है। तीसरी बार सजा दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में हुई थी। यह सजा भी एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में 18 अक्टूबर 2023 को हुई थी। इसमें आजम खान, उनकी पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को सात-सात साल कारावास की सजा हुई थी।
आजम खान के चौथे मामले में 23 दिसंबर 2023 को फैसला हुआ था। यह मामला पड़ोसी से मारपीट का था। इसमें आजम खान के अलावा उनके भाई सेवानिवृत्त इंजीनियर शरीफ खान, बेटे अब्दुल्ला और भतीजे बिलाल पुत्र शरीफ खान भी आरोपित थे। सभी को न्यायालय ने आरोप साबित न होने पर बरी किया था।
इसके बाद आजम खान के खिलाफ डूंगरपुर प्रकरण के चार मामलों में फैसला आया। इनमें एक मामले में 31 जनवरी 2024 को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने फैसला सुनाया था। इसमें आजम खान के अलावा सेवानिवृत्त सीओ आले हसन, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष अजहर खान, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ओमेंद्र चौहान समेत अन्य सपाई आरोपित थे।
इस मामले में न्यायालय ने सभी को बरी कर दिया था। 18 मार्च 2024 को फिर डूंगरपुर प्रकरण के दूसरे मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया, जिसमें आजम खान को सात साल कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि पूर्व सीओ सिटी आले हसन खान, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर खान और बरकत अली ठेकेदार को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई थी।
इसके तीन दिन बाद 21 मार्च 2024 को डूंगरपुर के तीसरे मामले में फैसला आया, जिसमें आजम खान समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया गया। इसके बाद 30 मई 2024 को डूंगरपुर प्रकरण के एक अन्य मुकदमे में फैसला आया, जिसमें उन्हें 10 साल के कारावास और 14 लाख रुपये जुर्माने की सजा हुई है। यह अब तक की सबसे बड़ी सजा है।
31 जुलाई 2024 को डूंगरपुर प्रकरण के ही एक अन्य मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने आजम खान समेत अन्य सात आरोपितों को बरी कर दिया। डूंगरपुर प्रकरण लोगों के घर उजाड़कर आसरा आवास योजना के तहत आवास बनवाने से संबंधित है। 11 नवंबर 2025 को भड़काऊ भाषण और चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आजम खान को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।
यह मुकदमा सिविल लाइंस कोतवाली में तत्कालीन उप जिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी की ओर से दर्ज कराया गया था। अब सोमवार को आजम खान के खिलाफ अब्दुल्ला के दो पैन कार्ड मामले में फैसला सुनाया गया है।
एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने इस मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को दो पैनकार्ड बनवाने और उनका उपयोग करने का दोषी मानते हुए दोनों को सात-सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। आजम खान शत्रु संपत्ति कब्जाने के मामले में 23 महीने सीतापुर जेल में बिताने के बाद हाईकोर्ट से मिली जमानत पर 23 सितंबर को ही रिहा हुए थे। दो महीने के अंदर ही वह बेटे समेत फिर जेल चले गए।

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