आजम के खिलाफ अब 18 दिसंबर को भड़काऊ भाषण के मामले में आएगा फैसला, अबतक 14 मामलों में से 7 में किए जा चुके बरी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के मुकदमों की सुनवाई तेजी से चल रही है। ज्यादातर मुकदमे फैसले के करीब आ गए हैं। अब 18 दिसंबर को फिर एक मु ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के मुकदमों की सुनवाई तेजी से चल रही है। ज्यादातर मुकदमे फैसले के करीब आ गए हैं। अब 18 दिसंबर को फिर एक मुकदमे में फैसला आना है।
यह मुकदमा भड़काऊ भाषण का है, जो आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता फैसल खान लाला ने शहर कोतवाली में दो अप्रैल 2019 को दर्ज कराया था। तब आजम खान पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े थे। उन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
आम आदमी पार्टी के नेता की ओर से दर्ज रिपोर्ट में कहा है कि 29 मार्च 2019 को आजम खान ने सपा कार्यालय पर भाषण दिया था, जिसकी वीडियो प्रसारित हुई थी। उसमें आजम खान लोगों को तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह (वर्तमान में मंडलायुक्त) समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ भड़का रहे थे। आजम खान अपने भाषण में कह रहे थे कि ये अधिकारी रामपुर को खून से नहलाना चाहते हैं।
यह जिन जिलों में रहे हैं, वहां कमजोरों को तेजाब डालकर गलाया है। उनके खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघ, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम आदि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसकी जांच पूरी कर पुलिस ने आजम खान के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इसमें गवाही पूरी हो चुकी है। पत्रावली 18 दिसंबर को फैसले के लिए लगी है। आजम खान के खिलाफ अब तक 14 मुकदमों में फैसला आ चुका है। उन्हें सात मामलों में सजा मिल चुकी है, जबकि सात मुकदमों में वह बरी हो गए हैं।
अधिवक्ताओं की बात
अभियोजन आजम खान पर लगे आरोपों को साबित करने में विफल रहा। गवाह घटनास्थल को साबित नहीं कर सके। मुकदमा वादी ने जो सीडी विवेचक को दी थी, उसका 65 बी का प्रमाण पत्र विवेचना अधिकारी द्वारा नहीं दिया गया। न्यायालय से हमें इंसाफ मिला है।- विनोद शर्मा, आजम खान के अधिवक्ता।
हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं। न्यायालय के आदेश का अध्ययन किया जाएगा। उसके बाद सेशन कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की जाएगी।- संदीप कुमार सक्सेना, विधायक आकाश सक्सेना के अधिवक्ता।
न्यायालय का 30 पेज का फैसले आया है। फैसले का अवलोकन किया जाएगा। उसके बाद सेशन कोर्ट में अपील या अन्य अग्रिम कार्यवाही संपादित की जाएगी।- रोहताश कुमार पांडेय, संयुक्त निदेशक अभियोजन।

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