आजम ने ऐसा क्या कह दिया जो उनके समर्थक भी हो गए हैरान? पार्टी छोड़ने की लगने लगीं अटकलें
सपा नेता आजम खां ने मायावती की प्रशंसा करके सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह मायावती से मिल सकते हैं। उनके इस बयान से उनके समर्थक हैरान हैं और पार्टी छोड़ने की अटकलें लगने लगी हैं। आजम खां ने मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

आजम ने ऐसा क्या कह दिया जो उनके समर्थक भी हो गए हैरान? पार्टी छोड़ने की लगने लगीं अटकलें
जागरण संवाददाता, रामपुर। अखिलेश यादव से मुलाकात के तीसरे दिन ही सपा नेता आजम खां के सुर अचानक बदल गए। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती की न सिर्फ प्रशंसा की बल्कि, जरूरत पड़ने पर कभी भी उनसे मिलने की बात कही। साथ ही उनका इस बात को लेकर शुक्रिया अदा किया कि लखनऊ रैली के दौरान मायावती ने उनके लिए कुछ ऐसा नहीं कहा जिससे उनको ठेस पहुंचती। आजम के इस बयान से उनके समर्थक भी हैरान हैं। एक बार फिर से आजम के पार्टी छोड़ने की अटकलें तक लगने लगी हैं।
सीतापुर जेल में 23 महीने बिताकर लौटे सपा नेता आजम खां से बुधवार को अखिलेश यादव मिलने आए थे। दो घंटे की मुलाकात के बाद मीडिया के सामने दोनों नेताओं ने आपस में किसी तरह के गिले-शिकवे न होने की बात भी कही थी। गुरुवार को रामपुर से सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने आजम खां पर तंज किया था।
उन्होंने कहा था कि आजम की अब उम्र हो चुकी है, वह हमें क्या अपने शहर इमाम तक को नहीं पहचानते। इसके बाद आजम खां ने पत्रकारों से बात करते हुए बसपा प्रमुख मायावती की प्रशंसा शुरू कर दी। कहा कि मैं ही नहीं उनका पूरा देश बहुत सम्मान करता है। वह एक बड़े जनसमूह की नायक हैं। हम उनकी इज्जत और एहतराम करते हैं।
आगे कहा कि अगर मीडिया के माध्यम से उनके पास अगर कोई ऐसी खबर पहुंची है जिससे उन्हें दुख पहुंचा हो तो उसके लिए मुझे अफसोस है। उनकी अहमियत की मेरे दिल में कोई कमी नहीं है। कहा कि जब वह रैली में रामपुर आईं थीं तब वह मेरी मेहमान थीं। यह भी जोड़ा कि मेरा उनके बड़ों से भी रिश्ता रहा है।
कहा कि ये बात किसी को नहीं मालूम कि सुबह जब मैं फजर की नमाज पढ़ता था तब काशीराम उनसे मिलने आते थे। आधा-एक घंटे बात करके जाते थे। इसके बाद फिर मायावती को लेकर कहा कि मैं कोई ऐसी बात नहीं कह सकता जो उनके लिए दुख का कारण बने, शिकायत का सबब बने।
मुझे अगर उनसे मिलना होगा और मिलने के लिए जरूरी नहीं होता कि हम सिर्फ राजनीतिक कारणों से मिलें, हमारी कुछ इंसानी जरूरतें हो सकती हैं, अखलाकी जरूरतें भी हो सकती हैं समाजी भी हो सकती हैं। उसके लिए तो हम मिल ही सकते हैं, कभी भी जरूरत होगी तो मिल सकते हैं। लखनऊ रैली में मायावती द्वारा सपा सरकार पर आरोप लगाने के सवाल पर कहा कि ये राजनीतिक सवाल है और उनकी राजनीतिक शिकायत है।
इसका जवाब जो हमारे यहां उनके स्तर के हैं वे ही देंगे। बोले- मैं तो आठ दस बरस से ऐसे हालात का शिकार हूं कि मुझे यही नहीं मालूम कौन सा पार्क कहां था कहां है। दस साल बड़े ही सख्त गुजरे हैं। अभी कुछ मालूम नहीं आगे का वक्त कैसा है। अगर हम सत्ता में आते हैं जिसकी उम्मीद की जा सकती है, तो कोशिश करेंगे उनकी शिकायतों का समाधान हो और आगे उन्हें ऐसी किसी शिकायत का मौका न मिले। आजम खां के बयान के बाद सपा में हलचल बढ़ गई है।
सियासी पंडित भी उनके बसपा के संपर्क में होने का दावा करने लगे हैं। सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर ने कहा कि आजम खां बड़े दिल के नेता हैं, वह बिना लाग लपेट के बोलते हैं। दूसरी पार्टी में जाने जैसी बातें महज अफवाह हैं।
आवास पर ही सपा संस्थापक मुलायम सिंह को दी श्रद्धांजलि
रामपुर: सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां ने शुक्रवार को अपने आवास पर ही पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की तीसरी पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी तो हमारे पास पार्टी का कार्यालय भी नहीं है। हम जिस हालात में हैं उसी के अनुरूप नेताजी के सिद्धांतों पर आगे बढ़ते रहेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।