आजम खान के खिलाफ शत्रु संपत्ति को जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने के मामले में पांच नवंबर को होगी सुनवाई
आजम खान के खिलाफ शत्रु संपत्ति को जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने के मामले में अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी। उन पर शत्रु संपत्ति को अवैध रूप से यूनिवर्सिटी में मिलाने का आरोप है, जिसके चलते उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है। अदालत में इस मामले से जुड़े सबूत पेश किए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, रामपुर। सपा नेता आजम खान के खिलाफ शत्रु संपत्ति को जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने के मामले में भी बचाव पक्ष की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र देने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब पांच नवंबर को सुनवाई होगी। यह मामला अजीमनगर थाना क्षेत्र में बनी आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ा है।
आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने शत्रु संपत्ति को जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया था। इस पर जांच कराई गई थी। राजस्व निरीक्षक मनोज कुमार ने जांच के बाद 14 मार्च 2020 को अजीमनगर थाने में आजम खां के खिलाफ लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि ग्राम सींगनखेड़ा में ताहिर हुसैन खां की जमीन थी, जो पाकिस्तान चले गए थे।
उनकी जमीन शत्रु संपत्ति घोषित के रूप में सरकारी अभिलेखों में दर्ज थी, जिसे मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी ने उस भूमि पर कब्जा कर उसे अपनी चाहरदीवारी में कर लिया है। यह कृत्य लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के अंतर्गत आता है। यूनिवर्सिटी के चांसलर होने के नाते राजस्व निरीक्षक ने तहरीर में मोहम्मद आजम खां को नामजद किया था। पुलिस ने आजम खां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच की और विवेचना पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है।
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