अपनी शर्तों पर अखिलेश से मिले आजम, एक के बजाय दो घंटे तक घर पर रोका; अब लगाए जा रहे ये कयास
सपा नेता आजम खां ने जेल से लौटने के बाद पार्टी में अपनी पकड़ फिर से दिखाई। उन्होंने अखिलेश यादव से अपनी शर्तों पर मुलाकात की और उन्हें दो घंटे तक अपने आवास पर रोका। आजम ने अखिलेश को अपना कद और पार्टी में अपनी अहमियत का अहसास कराया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा की राजनीति में आजम का दबदबा बरकरार है।

अपनी शर्तों पर अखिलेश से मिले आजम, एक के बजाय दो घंटे तक घर पर रोका; अब लगाए जा रहे ये कयास
अनिल अवस्थी, रामपुर। लगभग चार वर्ष जेल में बिताने के बाद सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां एक बार फिर पार्टी में अपनी मजबूत पैठ का संदेश देने में सफल रहे। अपनी शर्तों पर ही वह पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव से मिले। निर्धारित एक घंटे के बजाय अखिलेश को दो घंटे अपने आवास पर रोका। उनका हाथ पकड़कर आवासीय परिसर में इधर-उधर टहलते नजर आए। इस दौरान पार्टी के किसी अन्य विधायक, सांसद या पदाधिकारी को पास फटकने भी नहीं दिया। इस तरह चिर-परिचित अंदाज में उन्होंने अपनी ताकत का अहसास कराया।
सौ से अधिक मुकदमों के साथ दो बार में चार वर्ष से अधिक का सफर जेल में तय कर चुके आजम फिलहाल हाई कोर्ट की जमानत पर बाहर हैं। 23 सितंबर को वह सीतापुर जेल से रिहा होकर रामपुर पहुंचे थे। इस दौरान अखिलेश यादव या उनकी ओर से पार्टी का कोई बड़ा चेहरा आजम को जेल लेने नहीं पहुंचा था। इसके बाद मीडिया के सामने आजम ने बिना नाम लिए कई बार अखिलेश तक पर तंज भी कसे। कहा कि, मैं छोटा आदमी हूं, अकेले अपने घर आ गया।
अखिलेश का आठ अक्टूबर को रामपुर कार्यक्रम जारी होने के बाद भी आजम संतुष्ट नजर नहीं आए। कहा कि अखबार से पता चला है, बड़े लोग हमारे घर आएंगे, इससे हमारा सम्मान बढ़ेगा। मीडिया के सामने भी आजम ने दावा किया कि जेल से छूटने के बाद उनकी अखिलेश से फोन पर भी कोई बात नहीं हुई।
हालांकि, एक बार उन्होंने यह भी कहा कि हम उनसे बात न करें, ये हमारा हक है, वह बिना बताए हमारे यहां आएं, ये उनका अधिकार है। हालांकि, इस दौरान आजम सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी पर लगातार तंज कसते रहे। जबकि, मोहिबुल्लाह अखिलेश यादव के प्रिय माने जाते हैं। इसके बावजूद आजम उन पर नरम पड़ते नजर नहीं आए।
बुधवार को हेलीपैड पर पहुंचकर आजम ने अखिलेश की खुद अगवानी की। एक साथ कार पर बैठकर आवास तक आए। एक-दूसरे का हाथ पकड़कर घर के अंदर गए। भावुक भी हुए। दो घंटे बातचीत के बाद जब मीडिया के सामने आए तब भी एक-दूसरे का हाथ पकड़े नजर आए।
अखिलेश ने आजम को पार्टी के लिए गहरी जड़ों वाला दरख्त और हमेशा उनका साया मिलने जैसे संबोधन के जरिये पूरा मान बढ़ाया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा की स्थिति न सिर्फ मजबूत मानी जाती है बल्कि, कई मुस्लिम कद्दावर चेहरे पार्टी में मौजूद हैं। मगर स्थापना के साथ ही पार्टी में जो कद आजम का रहा है वह अभी तक किसी को नहीं मिल पाया है। इसी क्रम में एक बार फिर आजम ने अपनी वही हनक कायम रखने की मिसाल पेश की।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।