Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    'बेटे जिंदगी रही तो फिर मिलेंगे, नहीं तो ऊपर मिलेंगे', बैरक बदले जाने पर बोले आजम खान

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 08:04 PM (IST)

    रामपुर के सांसद आजम खान ने सीतापुर जेल में अपनी बैरक बदले जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर की खबरों से उन्हें डर था कि वह अपने बेटे से नहीं मिल पाएंगे। आजम खान कई मामलों में सीतापुर जेल में बंद हैं। जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से बैरक बदलने की बात कही है और आरोपों को निराधार बताया है।

    Hero Image

    आजम खां और कपिल सिब्बल के बीच छात्र राजनीति से लेकर जेल यात्रा तक हुई बातचीत।

    जागरण संवाददाता, रामपुर। सपा नेता आजम खां ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता व राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल से कैमरे के सामने छात्र राजनीति से लेकर जेल यात्रा तक विस्तृत बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि जेल में उनका उत्पीड़न हुआ। रात तीन बजे उनकी बैरक से अब्दुल्ला को दूसरी जेल के लिए जब बड़ी गाड़ी में ले जाया गया तो उन्हें लगा कि अब दोबारा मुलाकात नहीं हो पाएगी। आजम के समर्थक दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत का वीडियो तेजी से इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा होकर रामपुर पहुंचे सपा नेता आजम खां के अलग-अलग साक्षात्कार लगातार इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को आजम खां से कपिल सिब्बल की बातचीत का वीडियो भी प्रसारित किया गया है। इसमें आजम खां ने अपने छात्र जीवन की राजनीति से लेकर वर्तमान परिदृश्य पर खुलकर बात की।

    इसके साथ ही, अपने खिलाफ विचाराधीन 94 मुकदमों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ने के दौरान लागू हुई इमर्जेंसी में उन्हें देशद्रोह के आरोप में जेल भेजा गया। जेल में भी उस अंधेरी कोठरी में रखा गया, जहां सुंदर डाकू बंद था, जिसे बाद में फांसी दी गई। जब जमानत मिली तो मीसा का मुकदमा दर्ज कराया गया। जेल से रामपुर पहुंचे तो बीड़ी श्रमिकों व बुनकरों की आवाज बने। प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की उन्होंने जमकर तारीफ की।

    वर्ष 2017 में उन पर अचानक दर्ज किए गए मुकदमों के बारे में कपिल सिब्बल के सवाल पर कहा कि पहले की सरकारों में सदन के अंदर आलोचना के बाद बाहर पक्ष-विपक्ष के नेता आत्मीयता से मिलते थे। अब बदला लेने की राजनीति हावी हो गई है। उन्होंने पिछली बार पत्नी व बेटे समेत हम तीनों को सीतापुर जेल भेजा था। दूसरी बार रात तीन बजे हमें सोते से उठाया गया।

    मेरे लिए अलग गाड़ी और अब्दुल्ला को दूसरी गाड़ी में बैठाया गया। कहा- मैंने जेल में सुन रखा था कि एनकाउंटर हो रहे हैं, ऐसे में जो पिता होगा वह अपनी औलाद को लेकर पीड़ा समझ जाएगा। उन्होंने कहा कि उस वक्त हम दोनों गले लगकर जुदा हुए, मैंने कहा बेटे जिंदगी रही तो फिर मिलेंगे, नहीं तो ऊपर मिलेंगे। मुझे लगता नहीं था कि हम मिल पाएंगे। वह रात और अगला दिन बहुत सख्त गुजरा जब तक ये मालूम नहीं हो गया कि वह जिंदा है।

    इसके अलावा आजम ने पौने चार बीघा जमीन कब्जाने, लोगों के घर उजाड़ने, पालिका की मशीन चोरी करने जैसे मुकदमों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ कमीशनखोरी और रिश्वतखोरी का एक भी दाग नहीं है। पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव से किसी तरह की नाराजगी से इन्कार किया।

    आगे की राजनीति पर बोले कि मैं चाहूंगा जब तक सरकार आए तब तक मेरे ऊपर से मुकदमों का दाग हट जाए। मैं मुजरिम के रूप में हाउस में न जाऊं। कहा कि मैंने यूनिवर्सिटी बनाई यही मेरा गुनाह है। मुझे जेल में नहीं फांसीघर में रखा गया। वायरल में तड़पते रहते थे मगर डॉक्टर देखने नहीं आते थे।

    इसी तरह अजमेर शरीफ यात्रा के दौरान आजम खां ने बिहार चुनाव पर पूछे गए सवाल पर कहा कि ये मौका है, अब सब लोग मिलकर लोकतंत्र बचाएं। जितनी भी एजेंसी हैं उनको आजाद होना चाहिए। दीये रोशन किए जाएं। प्रचार के लिए बिहार जाने के सवाल पर कहा कि अभी मेरी तबीयत ठीक नहीं है।