Rampur News: आजम खां की रिहाई का रास्ता हुआ साफ! शत्रु संपत्ति मामले में नहीं जारी हो सका वारंट
रामपुर में शत्रु संपत्ति मामले में आजम खान के खिलाफ न्यायालय में वारंट जारी नहीं हो सका जिससे उनकी रिहाई का रास्ता खुल गया है। उनके वकील ने तीन मामलों को एक साथ सुनने के लिए अर्जी दी जिस पर सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। एमपी-एमएलए कोर्ट पहले ही 53 मामलों में रिहाई आदेश दे चुका है। जमानतदारों के सत्यापन के बाद बाकी मामलों में भी रिहाई हो सकती है।

जागरण संवाददाता, रामपुर। शत्रु संपत्ति के जिस मामले में आजम खां के खिलाफ तीन धाराएं बढ़ाई गई थी, उसमें शनिवार को न्यायालय से वारंट जारी नहीं हो सके। आजम खां सीतापुर जेल से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए न्यायालय में उपस्थित हुए।
उनके अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें शत्रु संपत्ति के तीन मामलों का हवाला देते हुए सभी की एक पत्रावली करने का अनुरोध किया। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए पहली अक्टूबर नियत की है।
इस तरह वारंट जारी न होने के कारण आजम खां की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने उनके 53 मुकदमों में शुक्रवार को ही रिहाई आदेश जारी कर दिए थे।
पांच मुकदमे एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट सेशन ट्रायल में भी हैं, जिनमें रिहाई के लिए दाखिल जमानतियों के सत्यापन के आदेश हुए थे। जमानतियों के सत्यापन के बाद इसमें भी रिहाई आदेश जारी किए जाएंगे। इसके बाद आजम खां का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाएगा।
इस मामले में बढ़ाई गई थी तीन धाराएं
शत्रु संपत्ति के जिस मुकदमे में पुलिस ने अग्रिम विवेचना के बाद तीन धाराएं बढ़ाई थीं, वह मुकदमा कलक्ट्रेट के रिकार्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में नौ मई 2020 को दर्ज कराया था।
इसमें पहले लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद व अज्ञात के प्राथमिकी हुई थी। यह शत्रु संपत्ति आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी के आसपास थी, जो इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी। इमामुद्दीन कुरैशी विभाजन के समय देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे।
वर्ष 2006 में यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गई थी। भूमि के रिकार्ड की जांच करने पर पता चला था कि राजस्व विभाग के रिकार्ड में फर्जीवाड़ा कर शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के लिए आफाक अहमद का नाम गलत तरीके से राजस्व रिकार्ड में अंकित कर दिया था।
रिकार्ड के पन्ने फटे हुए पाए गए थे। इसमें आजम खां, उनकी पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा और उनके बेटे अब्दुल्ला समेत जौहर ट्रस्ट के अन्य सदस्य आरोपित बनाए गए। ट्रस्ट में ज्यादातर लोग आजम खां के परिवार के हैं।
इस मुकदमे में सेवानिवृत्त कलक्ट्रेट कर्मचारी भगवंत भी आरोपित हैं, जो अब सरकारी गवाह बन गए हैं। उनके बयान के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में अग्रिम विवेचना की थी, जिसके बाद आजम खां पर मुकदमे में आईपीसी की तीन धाराएं 467, 471 और 201 बढ़ाते हुए पूरक आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए थे।
शनिवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने आजम खां को सीतापुर जेल से वारंट के लिए तलब किया था। आजम खां कोर्ट में वीडियो कान्फ्रेंस से पेश हुए। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी राकेश मौर्य ने बताया कि अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र दिया।
जिसमें कहा कि आजम खां पर शत्रु संपत्ति के तीन मामले दर्ज हैं। तीनों की एक फाइल कर सुनवाई की जाए। इस प्रार्थना पत्र पर अब पहली अक्टूबर को सुनवाई होगी। अब प्रार्थना पत्र के निस्तारण के बाद ही वारंट जारी होंगे।
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