आजम खान के यतीमखाना मामले में गवाह न आने से टली सुनवाई, भैंस-बकरी चोरी करने का मामला
आजम खान से जुड़े यतीमखाना मामले की सुनवाई गवाहों के पेश न होने के कारण टल गई। यह मामला भैंस और बकरी चोरी से संबंधित है। आजम खान पर 2016 में यतीमखाना क्षेत्र में लोगों के घरों को अवैध रूप से तोड़ने और उनकी भैंस और बकरियां चोरी करने का आरोप है।

आजम खान के यतीमखाना मामले में गवाह न आने से टली सुनवाई।
जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के यतीमखाना प्रकरण में गवाह न आने से सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले में आजम खान पक्ष की ओर से उनके गवाह पेश किए जा रहे हैं। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा के अनुसार एक गवाह के न आने पर पिछली तारीख पर न्यायालय ने अंतिम अवसर दिया था।
इस मामले में सोमवार को सुनवाई थी, लेकिन अंतिम अवसर के बावजूद गवाह नहीं आया। इस पर न्यायालय ने गवाही का अवसर समाप्त करते हुए अगले गवाह को तलब किया है। अब इस मामले में 21 नवंबर को सुनवाई होगी।
आजम खान के विरुद्ध यह मामला शहर कोतवाली क्षेत्र की यतीमखाना बस्ती से जुड़ा है। इस बस्ती को वर्ष 2016 में जबरन खाली कराया गया था। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। आजम खान के इशारे पर सपाइयों ने पुलिस फोर्स के साथ बस्ती को जबरन खाली करा दिया था।
मुकदमे में घरों में घुसकर मारपीट करने, छेड़छाड़ करने, रुपये, जेवर और भैंस-बकरी लूटकर ले जाने के आरोप हैं। इन मुकदमों में आजम खान समेत सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, इस्लाम ठेकेदार आदि भी नामजद हैं। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है।
यतीमखाना प्रकरण में शहर कोतवाली में 12 लोगों द्वारा अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे। पहले सभी की अलग-अलग सुनवाई चल रही थी, लेकिन बाद में न्यायालय ने इन सभी को एक मान लिया। इस मामले में अभियोजन की गवाही पूरी हो चुकी है। अब बचाव पक्ष की गवाही चल रही है।

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