आजम खां पर फांसीघर की जमीन कब्जाने के मामले में गुरुवार को होगी सुनवाई, 37 लोगों को किया था नामजद
रामपुर में आजम खां से जुड़े एक मामले की सुनवाई स्थगन प्रार्थना पत्र के कारण टल गई। यह मामला जेल में फांसीघर की जमीन पर अवैध कब्जे से संबंधित है जिसमें आजम खां और अन्य 37 लोगों पर आरोप हैं। नायब तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त हुई और जांच में आजम खां का नाम भी सामने आया।

जागरण संवाददाता, रामपुर। सपा नेता आजम खां पर जेल के फांसीघर की जमीन कब्जाने के मामले में बुधवार को बचाव पक्ष की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र दिए जाने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले में गुरुवार को सुनवाई हाेगी। इसमें आजम खां समेत अन्य पर आरोप तय किए जाने हैं।
जेल में फांसीघर की जमीन कब्जाने का मामला गंज कोतवाली में 20 सितंबर 2019 को तत्कालीन नायब तहसीलदार कृष्ण गोपाल मिश्रा की ओर से कराया गया था। मुकदमे में 37 लोगों को नामजद किया था। इन सभी पर फांसी घर की जमीन की खरीद फरोख्त का आरोप है।
नायाब तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस जमीन की बिक्री नहीं हो सकती, क्योंकि यह सरकारी है। कागजों में हेराफेरी कर कुछ लोगों ने जमीन बेच दी। जमीन खरीदने के बाद लोगों ने घर भी बना लिए। पुलिस रिपोर्ट में जमीन बेचने और खरीदने वाले सभी को नामजद किया गया।
विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आए कि आजम खां के इशारे पर ही जमीन खरीदी गई है। पूछताछ के दौरान खरीदारों ने यह बात कही कि उन्होंने आजम खां के कहने पर ही जमीन खरीदी थी। इसी आधार पर चार्जशीट में उनका नाम धारा 120 बी (षड्यंत्र रचने) में शामिल किया गया था। उनकी मां और बेटे भी नामजद हुए।
मां की मौत हो चुकी है, इसलिए उनका नाम निकाल दिया गया, जबकि आजम खां और बेटे के नाम आरोप पत्र में शामिल किए गए थे। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इस मामले की सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी।
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