जेल के कंबल में रात गुजारने को लेकर आजम खां की कर्मियों से हुई नोकझोंक
रामपुर में, आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को पैनकार्ड मामले में सात साल की सजा सुनाई गई। आजम खां घर से कंबल लाए थे, पर जेल प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इस बात पर उनकी जेल कर्मियों से बहस हुई। उन्हें जेल के कंबल पर सोना पड़ा, जिस पर वे रात भर बेचैन रहे। सुबह उन्हें अन्य कैदियों की तरह नाश्ता दिया गया।

जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री आजम खां और उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को सोमवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने दो पैनकार्ड मामले में सात-सात साल की सजा सुनाई थी। दोनों को फैसले के बारे में अंदेशा हो गया था।
इसके चलते आजम खां घर से कंबल लेकर आए थे, लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें घर से लाया कंबल इस्तेमाल नहीं करने दिया। इसे लेकर आजम खां की जेल कर्मियों से नोकझोंक भी हुई। जेल अधिकारियों ने उन्हें समझाया और जेल की ओर से कैदियों को दिए जाने वाले कंबल संग चादर उपलब्ध कराई।
मजबूरन पिता-पुत्र को जेल के कंबल बिछाकर ही सोना पड़ा। जेल के कंबल पर दोनों देर रात तक करवट बदलते रहे। काफी रात तक दोनों आपस में बातें भी करते रहे। आधी रात के बाद किसी तरह नींद आई, लेकिन सुबह छह बजे दोनों को उठा दिया गया। सुबह अन्य कैदियों की तरह चाय नाश्ता दिया गया।

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