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    Azam Khan: आजम खान अब तक आठ मुकदमों में हो चुके हैं बरी, सात में मिली सजा

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 07:05 PM (IST)

    समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के खिलाफ अब तक 15 मुकदमों में फैसला आ चुका है। उन्हें सात मामलों में सजा मिल चुकी है, जबकि आठ मुकदमों में ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के खिलाफ अब तक 15 मुकदमों में फैसला आ चुका है। उन्हें सात मामलों में सजा मिल चुकी है, जबकि आठ मुकदमों में वह बरी हो गए हैं। उनके मुकदमों की सुनवाई बहुत तेजी से चल रही है। नवंबर माह में तीन मुकदमों में फैसला हुआ था। दिसंबर माह में भी यह दूसरा मामला है, जिसमें फैसला आया है। इससे पहले 11 दिसंबर को सेना पर विवादित बयान मामले में भी न्यायालय ने उन्हें आरोप साबित न होने पर बरी कर दिया था। यह लगातार तीसरा मामला है, जिसमें उन्हें दोष मुक्त किया गया है।

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    आजम खान के अब तक जिन मुकदमों में फैसला हुआ है, उसमें एक मुरादाबाद का है। 13 फरवरी 2023 को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आजम खान और अब्दुल्ला को छजलैट में हाईवे जाम करने के मामले में दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसमें अब्दुल्ला की विधायकी चली गई थी। बाकी मामलों में रामपुर की अदालत से फैसले हुए। इनमें 27 अक्टूबर 2022 को मिलक कोतवाली में दर्ज भड़काऊ भाषण के मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी।

    सजा के खिलाफ उन्होंने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में अपील की थी। सजा के फैसले को सेशन कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। इसके बाद 15 जुलाई 2023 को भड़काऊ भाषण के एक दूसरे मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने आजम खान को दो साल कैद और ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। यह सजा शहजादनगर थाने में दर्ज मुकदमे में हुई थी। इसमें सजा के खिलाफ उनकी अपील सेशन कोर्ट से खानरिज हो चुकी है।

    दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में 18 अक्टूबर 2023 को आजम खान, उनकी पत्नी पूर्व सांसद डॉ. तजीन फात्मा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को सात साल कारावास की सजा हुई थी। 23 दिसंबर 2023 को पड़ोसी से मारपीट के मामले में फैसला हुआ था, जिसमें आजम खान के अलावा उनके भाई सेवानिवृत्त इंजीनियर शरीफ खान, बेटे अब्दुल्ला और भतीजे बिलाल पुत्र शरीफ खान भी आरोपित थे। सभी को न्यायालय ने आरोप साबित न होने पर बरी किया था।

    इसके बाद आजम खान के खिलाफ डूंगरपुर प्रकरण के मामलों में फैसला आया। इनमें एक मामले में 31 जनवरी 2024 काे आए फैसले में न्यायालय ने आजम खान व अन्य को बरी कर दिया था। 18 मार्च 2024 को फिर डूंगरपुर प्रकरण के ही दूसरे मामले में आजम खान को सात साल कारावास की सजा सुनाई थी।

    इसके तीन दिन बाद 21 मार्च 2024 को डूंगरपुर के तीसरे मामले में फैसला आया, जिसमें आजम खान समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया गया। इसके बाद 30 मई 2024 को डूंगरपुर प्रकरण के एक अन्य मुकदमे में फैसला आया, जिसमें उन्हें 10 साल के कारावास और 14 लाख रुपये जुर्माने की सजा हुई है। यह अब तक की सबसे बड़ी सजा है। 31 जुलाई 2024 को डूंगरपुर प्रकरण के ही एक अन्य मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने आजम खान समेत अन्य सात आरोपितों को बरी कर दिया।

    11 नवंबर 2025 को भड़काऊ भाषण और चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आजम खान को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। यह मुकदमा सिविल लाइंस कोतवाली में तत्कालीन उप जिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी की ओर से दर्ज कराया गया था। 17 नवंबर 2025 को दो पैन कार्ड मामले में फैसला आया था।

    28 नवंबर 2025 को आजम खान को पूर्व सांसद अमर सिंह की बेटियों पर टिप्पणी करने के मामले में आरोप साबित न होने पर दोषमुक्त कर दिया था। 11 नवंबर 2025 को सेना को लेकर दिए विवादित बयान के आरोप से एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।

    गुरुवार को फिर भड़काऊ भाषण मामले में उन्हें एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से उन्हें राहत मिली है। आरोप साबित न होने पर उन्हें दोष मुक्त कर दिया गया है।