कहीं अखिलेश की फजीहत न करा दे आजम की नसीहत, जेल से कराया ताकत का अहसास; चंद्रशेखर भी पका रहे सियासी खिचड़ी
सपा महासचिव आजम खां ने जेल से पार्टी नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी जताई है। उन्होंने पार्टी पर मुस्लिम समुदाय की उपेक्षा का आरोप लगाया। आजम का परिवार आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर के साथ बढ़ती नजदीकियों से सियासी संकेत दे रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की 11 नवंबर की आजम परिवार से मुलाकात इसी सियासी हलचल का हिस्सा मानी जा रही है।
मोहम्मद मुस्लेमीन, रामपुर। सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां एक बार फिर पुरानी राह पर हैं। उन्होंने जेल से ही सपा नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संदेश भेजकर आइएनडीआइए के सहारे उन्होंने सपा मुखिया पर ही निशाना साधा है। आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर से आजम परिवार की खिचड़ी पहले से ही पक रही है। चंद्रशेखर हरदोई जेल में आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ रामपुर में उनकी पत्नी डा. तजीन फात्मा से मुलाकात कर चुके हैं।
वह लोकसभा के बाद उपचुनाव में बसपा की स्थिति कमजोर रहने की वजह से अनुसूचित जाति के मतदाताओं को अपने पक्ष में कर ही रहे हैं। आजम के प्रति हमदर्दी जताकर मुस्लिमों पर भी डोरे डाल रहे हैं। अब आजम की नाराजगी भी इसी ओर एक कदम मानी जा रही है। मुस्लिमों में सेंधमारी होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मुश्किल खड़ी हो सकती है।
आजम की ताकत
आजम का सपा में रहते हुए पार्टी नेतृत्व के प्रति मोर्चा खोलना कोई नई बात नहीं है। वह पहले भी कई बार नेतृत्व को झुका चुके हैं। सपा संस्थापक मुलायम सिंह के कार्यकाल से लेकर वह अखिलेश यादव के राजनीति में सक्रिय होने के बाद भी अपनी बात मनवाते रहे हैं।
इसी वर्ष लोकसभा चुनाव में आजम ने पहले सीतापुर जेल में मिलने गए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से खुद चुनाव लड़ने की बात कही। उनके नहीं लड़ने पर आजम खेमे के सपा नेताओं ने चुनाव बहिष्कार तक की घोषणा कर दी। पार्टी प्रत्याशी मोहिबुल्लाह नदवी के विरोध में नामांकन भी करा दिया। हालांकि, सपा प्रत्याशी विजयी रही।
जिलाध्यक्ष के माध्यम से एक संदेश कराया सार्वजनिक
अब मंगलवार को आजम खां ने पार्टी जिलाध्यक्ष अजय सागर के माध्यम से एक संदेश सार्वजनिक कराया है, जिसमें संभल की तरह रामपुर पर भी ध्यान देने की बात कही गई है। संदेश में उन्होंने आइएनडीआइए का ही उल्लेख किया है, लेकिन संभल में आइएनडीआइए घटक सपा ही आक्रामक रही है। जाहिर है, आजम का निशाना सपा पर ही है। इस संदेश के पीछे माना जा रहा है कि आजम सपा से मुस्लिमों को विमुख करना चाहते हैं। मुस्लिमों के समर्थन से ही रामपुर, मुरादाबाद और संभल में सपा के सांसद बने हैं।
चंद्रशेखर भी पका रहे सियासी खिचड़ी
इसके अलावा यदि चंद्रशेखर को अनुसूचित जाति के साथ मुस्लिम वोट बैंक मिल जाए तो वह सियासत में मजबूती से पैर जमा सकते हैं। नगीना में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद वह अपनी राजनीति को विस्तार भी देना चाह रहे हैं। इन राजनीतिक परिस्थितियों को भांपकर ही 11 नवंबर को सपा मुखिया अखिलेश यादव रामपुर जाकर आजम परिवार से मिले थे।
कारण यह था कि उसी दिन चंद्रशेखर ने हरदोई में अब्दुल्ला से मुलाकात की थी। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल कहते हैं कि आजम खां जेल में हैं, उनकी कौम पर जुल्म हो रहा है और वह उसके लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं। पार्टी हाईकमान भी उम्मीद के मुताबिक साथ नहीं दे रहा है। इसीलिए उनका दर्द छलका है। आजम खां ठीक कह रहे हैं कि गठबंधन को भी अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।