आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला के दो पासपोर्ट मामले में पूरा हुआ ट्रायल, जल्द आएगा फैसला
पूर्व विधायक अब्दुल्ला के दो पासपोर्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज हो चुकी है। अब मुकदमे में जल्द फैसला आएगा। इसमें स्थानीय न्यायालय में ट्रायल पूरा हो चुका है। पत्रावली अंतिम बहस में लगी है। 10 नवंबर को सुनवाई होनी है। बहस से पहले अब्दुल्ला को अपना पासपोर्ट न्यायालय में जमा करना होगा। पिछली तारीख पर न्यायालय ने पासपोर्ट जमा करने के आदेश दिए थे।

जागरण संवाददाता, रामपुर। पूर्व विधायक अब्दुल्ला के दो पासपोर्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज हो चुकी है। अब मुकदमे में जल्द फैसला आएगा। इसमें स्थानीय न्यायालय में ट्रायल पूरा हो चुका है। पत्रावली अंतिम बहस में लगी है। 10 नवंबर को सुनवाई होनी है। बहस से पहले अब्दुल्ला को अपना पासपोर्ट न्यायालय में जमा करना होगा। पिछली तारीख पर न्यायालय ने पासपोर्ट जमा करने के आदेश दिए थे।
अब्दुल्ला पर भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें अब्दुल्ला पर अलग-अलग जन्मतिथि से दो पासपोर्ट बनवाने का आरोप है। प्राथमिकी में कहा है कि असत्य एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाया गया और उसे उपयोग में भी लाया गया। एक पासपोर्ट में जन्मतिथि पहली जनवरी 1993 है, जबकि दूसरे पासपोर्ट में जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है।
पुलिस ने प्राथमिकी की जांच पूरी कर अब्दुल्ला के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे। पासपोर्ट मामले में अकेले अब्दुल्ला आरोपित बनाए गए हैं। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संदीप कुमार सक्सेना ने बताया कि अब्दुल्ला को 10 जनवरी 2018 को पासपोर्ट संख्या जेड-4307442 जारी हुआ था।
इसमें अब्दुल्ला की जन्म की तारीख 30 सितंबर 1990 बताई गई, जबकि शैक्षिक प्रमाण पत्रों में जन्म तिथि पहली जनवरी 1993 है। गलत जानकारी देकर बनवाने पर उनका यह पासपोर्ट इम्पाउन्ड हो गया था। उनके द्वारा यह पासपोर्ट कार्यालय में जमा करना था। शहर विधायक के अधिवक्ता संदीप कुमार सक्सेना ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से इस पासपोर्ट को न्यायालय में तलब करने का अनुरोध किया गया था।
पासपोर्ट कार्यालय से मिली आख्या के अनुसार अब्दुल्ला द्वारा यह पासपोर्ट जमा नहीं किया गया है। इस पासपोर्ट के जरिए उनके द्वारा कितनी बार विदेश यात्रा की गई, इसकी पुष्टि की जा सकती है। न्यायालय ने अब्दुल्ला को मूल पासपोर्ट 10 नवंबर को प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। नियत तिथि पर पासपोर्ट जम करने के साथ ही पत्रावली पर अंतिम बहस भी शुरू हो जाएगी।

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