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    शिक्षा के मंदिरों में तिरंगे का अपमान

    By Edited By:
    Updated: Thu, 26 Nov 2015 11:27 PM (IST)

    रामपुर। ग्राम रतनपुरा के प्राथमिक विद्यालय की दीवार पर राष्ट्रीय ध्वज बना है, लेकिन इसे बनाने में मा ...और पढ़ें

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    रामपुर। ग्राम रतनपुरा के प्राथमिक विद्यालय की दीवार पर राष्ट्रीय ध्वज बना है, लेकिन इसे बनाने में मानकों का पालन नहीं किया गया है। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया की धज्जियां उड़ाई गईं हैं। झंडे के चक्र में न तो तिलियां पूरी हैं और न ही झंडे की लंबाई चौड़ाई का कोई ध्यान। यह हाल किसी एक स्कूल का नहीं, बल्कि जिले के तमाम स्कूलों में तिरंगे झंडे का यही अपमान किया जा रहा है। शिक्षा के मंदिरों में तिरंगे झंडे के खुलेआम हो रहे इस अपमान को लेकर अफसर भी सजग नहीं हैं।

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    राष्ट्रीय ध्वज न सिर्फ देश की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक है। यही वजह है जो राष्ट्रीय ध्वज के बारे में शिक्षा के शुरूआती दिनों से ही बताना शुरू कर दिया जाता है। ध्वज के राष्ट्रीय महत्व के बारे में जानकारियां दी जाती हैं। ताकि, हम अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान कर सकें। किन्तु, इन दिनों शिक्षा के मंदिरों में ही राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जा रहा है। रामपुर की बात की जाए तो जिले के तमाम प्राथमिक विद्यालयों की दीवारों पर राष्ट्रीय ध्वज का चिन्ह बनाया गया है, लेकिन इसमें मानकों की अनदेखी की गई है। सामान्य पें¨टग की तरह तिरंगा झंडा भी दीवारों पर बनवा दिया गया है। दीवारों पर बने इस झंडे के गोल चक्र में 24 तिलियां तक पूरी नहीं हैं। कई स्थानों पर गोल चक्र भी उल्टा सीधा बना दिया गया है। किसी में सात तो किसी में आठ तिलियां बनाकर छोड़ दिया गया है। झंडे की डोरी भी लहराती हुई नजर आती है। कुछ स्कूलों के चित्र में झंडे की चोंच निकाल दी गई है। ऐसे स्कूलों की भी कमी नहीं है, जिसमें तिरंगे झंडे के रंगो तक को लेकर ध्यान नहीं दिया गया है। कहीं हल्का तो कहीं गहरे रंग से झंडा बनाया गया है, जो न सिर्फ झंडे का अपमान है बल्कि राष्ट्रीय ध्वज को लेकर शिक्षकों के ज्ञान पर भी सवालिया निशान खड़े करता है। बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों का भी इसको लेकर कोई ध्यान नहीं है। हालांकि, अब अफसर इसमें व्यापक स्तर पर सुधार कराने की बात कह रहे हैं।

    ऐसा होना चाहिए तिरंगा

    भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज दो अनुपात तीन में होना चाहिए। तिरंगे में सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा रंग बराबर अनुपात में होना चाहिए। तिरंगे की सफेद पट्टी के बीच में गहरे नीले रंग का चक्र हो, जिसकी परिधि सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होनी चाहिए। चक्र में 24 तिलियां होनी चाहिए।

    जिला बेसिक शिक्षाधिकारी एसके तिवारी का कहना है कि प्राइमरी विद्यालयों में दीवारों पर राष्ट्रीय ध्वज विद्यालय स्तर पर ही बनवाया जाता है। कई बार अनट्रेंड पेंटर इस काम को कर देते हैं। उन्हें भारतीय ध्वज संहिता की जानकारी नहीं होती। अब मामला संज्ञान में आ गया है। जिले के सभी विद्यालयों को निर्देश जारी कर राष्ट्रीय ध्वज में मानक के अनुरूप सुधार कराया जाएगा।