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    रजोगुण से उत्पन्न काम ही क्रोध: श्याम सुंदर

    By Edited By:
    Updated: Wed, 04 Nov 2015 08:16 PM (IST)

    जेएनएन, मिलक: कथा वाचक श्याम सुंदर जी महाराज ने कहा है कि रजोगुण से उत्पन्न हुआ यह काम ही क्रोध है, ...और पढ़ें

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    जेएनएन, मिलक: कथा वाचक श्याम सुंदर जी महाराज ने कहा है कि रजोगुण से उत्पन्न हुआ यह काम ही क्रोध है, यह बहुत खाने वाला अर्थात भोगों से कभी न अघाने वाला और बड़ा पापी होता है। काम अधर्म से हटने नहीं देता और धर्म में लगने नहीं देता। कथा व्यास खमरिया गांव में प्राचीन श्रीदूधाधारी महाराज के परिसर पर श्रीमद् भागवत कथा सुना रहे थे। कहा कि हम भगवान की कठपुतली बन जाएंगे तो हम भगवान की आज्ञा और उनके संकेत के अनुसार चलने लगेंगे। जब भगवान की इच्छा के अनुसार हमारे कार्य न हो तो समझ लो कि हमारी बागडोर काम के हाथ में चली गई है। जो भगवान प्रेमी होता है वह किसी के द्वारा उद्वेग को प्राप्त नहीं होता और न ही किसी को उद्वेग देने वाला होता है। यदि किसी कारण वश भूल से हो गया हो तो वह उद्वेग ठहरेगा नहीं। ईश्वर की कृपा से आगे जाकर उसका भाव बदल जाएगा। इस मौके पर समिति के सदस्य महेंद्र ¨सह, ओमेंद्र ¨सह, पप्पू लाला, विजेंद्र कुमार, रामकिशोर, विमलेश शास्त्री, विनोद शास्त्री, विपिन शास्त्री, विशेष कुमारी, सूर्य कुमार, मनोज कुमार, वीरेंद्र कुमार, आकाश बाबू, अजय कुमार, विनोद कुमार गंगवार, रामकिशोर, महेंद्र पाल ¨सह, आदि उपस्थित रहे।

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