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    यूपी के इस जिले में दस हजार लोग कर रहे पेयजल संकट का सामना, एक महीने से बंद है जलापूर्ति

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 02:33 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दस हजार लोग पिछले एक महीने से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। जलापूर्ति बाधित होने से लोगों को दूर से पानी लाना पड़ रहा है। अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोग जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें इस परेशानी से निजात मिल सके।

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    14 गांवों में दस हजार आबादी के सामने पेयजल संकट।

    संवाद सूत्र, अटौरा (रायबरेली)। पाइप लाइन में लीकेज होने से लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। ग्रामीण पेयजल के लिए भटकने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि पाइप लाइन में लीकेज की कई बार शिकायत की गई, लेकिन जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इससे ग्रामीणों में रोष है।

    जल निगम की ओर से वर्ष 2016 में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सुल्तानपुर खेड़ा गांव के पास पानी टंकी का निर्माण कराया गया। इस टंकी से ग्राम पूरे बैसन, पूरे दुर्जन, भवानी बक्स, लालजी का पुरवा, पूरे लालता, फत्ते बहादुर समेत 14 गांवों की करीब दस हजार की आबादी को जलापूर्ति होती है।

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    गांव के शिवाकांत सिंह, संतोष, आशीष शुक्ल, मनोज गुप्ता, कंधई का कहना है कि इस पंप हाउस में आए दिन कुछ न कुछ खराबी बनी रहती है। कभी पाइप में रिसाव तो कभी मोटर खराब रहती है। इससे लोगों को पेयजल के लिए परेशान हाेना पड़ता है।

    मजबूरन लोगों को खारे पानी से काम चलाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि बीते करीब एक माह से पाइप लाइन में लीकेज होने पर टंकी से जलापूर्ति बंद है। इससे लोगों काे समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

    समस्या काे लेकर कई शिकायत की गई, लेकिन जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाएगी।

    जल निगम ग्रामीण के अवर अभियंता सचिन प्रजापति का कहना है कि लीकेज की वजह से समस्या आ रही है। कार्यदायी संस्था से बात करके जल्द समस्या का समाधान किया जाएगा।