UP Toll Tax: फिर बढ़ा टोल टैक्स, यूपी के इस जिले में रोडवेज बस के किराए में भी हो सकती है बढ़ोतरी
रायबरेली में टोल टैक्स बढ़ने के बाद रोडवेज प्रशासन ने सभी रूटों की 156 बसों की रूटवार रिपोर्ट तलब की है। बसों के संचालन में किन-किन टोल प्लाजा से गुजरना होता है और कितना शुल्क देना पड़ता है इसकी विस्तृत जानकारी मांगी गई है। क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर बस किराए में बदलाव पर निर्णय लिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, रायबरेली। एक अप्रैल को टोल प्लाजा पर वाहनों से जिए जाने वाले टोल टैक्स में बढ़ाेतरी की गई है, जिसके बाद रोडवेज अधिकारियों द्वारा सभी रूटों की बसों की संख्या के साथ ही टोल प्लाजा के रेटों का वास्तविक रिकार्ड तलब किया है। डिपो में 156 बसें हैं।
संचालन के दौरान इन बसों के रास्ते में कौन कौन से टाेल पड़ते हैं, टोल प्लाजा पर बस को कितना भुगतान करना पड़ता है। अधिकारियों ने टोल का मौजूदा व पूर्व का रेट, दोनों में अंतर, मार्ग का नाम, टोल प्लाजा का नाम समेत कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी का कहना है कि टोल रेट मिलने के बाद बसों के किराया को लेकर फैसला लिया जाएगा।
जमीन पर बैठकर बस का इंतजार करते हैं यात्री, पीने के पानी भी संकट
वहीं, अमेठी में बस अड्डे पर यात्रियों के बैठने, पेयजल व प्रसाधन की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे जमीन पर बैठकर यात्रियों को बस का इंतजार करना पड़ता है। वहीं पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं।
अमेठी के लोगों को आवागमन में बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने चार दशक पहले शहर में बस अड्डे का निर्माण कराया था। डिपो में आने वाली बसों की मरम्मत व रखरखाव के लिए प्रतापगढ़ मार्ग पर कार्यशाला बनवाया गया है।
काफी दिनों बाद बस अड्डा जर्जर दशा में पहुंच गया था। पूर्व विधायक डा. अमिता सिंह के प्रयास से तत्कालीन परिवहन मंत्री नरेश अग्रवाल ने बस अड्डे का नव निर्माण तथा बस अड्डे पर यात्रियों की सुविधा के लिए कैंटीन बनवाई गई। जिसका संचालन नहीं हो रहा है।
2017 में परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने बस अड्डे पर गेस्ट हाउस का निर्माण कराया था। निर्माण के आठ वर्ष बाद भी गेस्ट हाउस का संचालन नहीं हो रहा है। बस अड्डे पर यात्रियों के बैठने के लिए आधा दर्जन कुर्सियों को लगाया गया है। यात्रियों की भीड़ अधिक होने के कारण सीट हमेशा फूल रहती है।
इससे लोग मजबूरन जमीन पर बैठकर बस का इंतजार करते है। डिपो पर निगम की ओर से पानी की व्यवस्था के लिए टंकी लगाकर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था कराई, जो एक वर्ष से शोपीस बनकर रह गई है। परिसर में लगा हैंडपंप भी खराब पड़ा है।
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