RTI के तहत सूचना देने में हुई देरी, शिवगढ़ के ईओ पर 50 हजार और लालगंज के ईओ पर 25 हजार लगा जुर्माना
रायबरेली में जन सूचना अधिकार के तहत सूचना न देने पर शिवगढ़ और लालगंज के नगर पंचायत अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है। शिवगढ़ के ईओ पर 50 हजार और लालगंज के ईओ पर 25 हजार का अर्थदंड लगा है। राज्य सूचना आयोग ने यह कार्रवाई की है क्योंकि अधिकारियों ने आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी समय पर उपलब्ध नहीं कराई और सुनवाई में भी उपस्थित नहीं हुए।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। लोगों को अपनी जरूरत की जानकारी विभागों से मिल सके, इसके लिए सरकार ने आमजन को जन सूचना अधिकार दिया। लोगों को तय समय पर सही जानकारी उपलब्ध कराने को लेकर अधिकारियों को निर्देशित भी किया जाता है, लेकिन इसके बाद भी विभागों में बैठे जिम्मेदार जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाएं नहीं दे रहे हैं।
अधिकारियों की मनमानी का आलम यह है कि शिकायत पर राज्य सूचना अधिकारी अगर इन्हें अपना पक्ष रखने के लिए बुलाते भी हैं तो ये उनके सामने प्रस्तुत होना भी जरूरी नहीं समझते।
ऐसा ही मामले शिवगढ़ व लालगंज में सामने आए हैं, जहां राज्य सूचना आयुक्त के कई बुलाने पर नगर पंचायत अधिकारी नहीं पहुंचे तो राज्य सूचना आयुक्त ने उन पर अर्थदंड लगाने की कार्रवाई की है। वर्तमान में शिवगढ़ ईओ का चार्ज नगर पालिका के ईओ स्वर्ण के पास है।
नगर पंचायत शिवगढ़ के वार्ड 12 पहाड़पुर निवासी राज किशोर वाजपेयी के मुताबिक 11 जुलाई 2024 और 18 जुलाई 2024 को उन्होंने दो अलग अलग आरटीआइ डालकर अधिशासी अधिकारी से जानकारी मांगी, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी उनको कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद उन्होंने राज्य सूचना आयोग में शिकायत की।
राज्य सूचना आयोग ने 28 जनवरी, छह मार्च, 16 मई और 22 जुलाई को अधिशासी अधिकारी को पेश होने के निर्देश दिए, लेकिन ईओ नहीं पहुंचे। इसपर 23 सितंबर को राज्य सूचना आयोग ने ईओ पर दोनों आरटीआई में 25-25 हजार का अर्थदंड लगाने का आदेश दिया व अर्थदंड की वसूली होने तक ईओ का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
साथ ही ईओ को अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया है। ईओ स्वर्ण सिंह का कहना है कि मामला पुराने ईओ से संबंधित है, जल्द ही आवेदक को सूचनाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी।
लालगंज नगर पंचायत के सभासद राघवेंद्र सूर्यवंशी ने पांच जनवरी 2024 को अधिशासी अधिकारी से नगर पंचायत के आय-व्यय से संबंधित तीन बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। सूचना न मिलने पर उन्होंने राज्य सूचना आयुक्त से शिकायत की तो अधिशासी को 4 नवंबर 2024, 12 दिसंबर 2024, 16 जनवरी 2025 और 25 फरवरी 2025 को सूचनाएं उपलब्ध करवाने के अवसर प्रदान किए गए।
आठ जुलाई को पत्र जारी कर अधिशासी अधिकारी को स्वयं उपस्थित होकर मामले में लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया। इसके बावजूद अधिशासी अधिकारी ने न तो सूचनाएं उपलब्ध कराई और न ही सुनवाई के लिए उपस्थित हुए। आयोग ने अधिशासी अधिकारी पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाते हुए विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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