MNREGA Corruption: मनरेगा की जमीन पर नहीं रुक रहा भ्रष्टाचार, हाजिरी में धांधली करने का भी खोज लिया तरीका
रायबरेली में मनरेगा के तहत निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। शिवगढ़ के पड़रिया गांव में मनरेगा द्वारा कराए जा रहे निर्माण में श्रमिकों की उपस्थिति में धांधली पाई गई है। एक ही व्यक्ति को एक ही दिन में कई जगह काम करते हुए दिखाया गया है। ग्रामीणों ने इस भ्रष्टाचार पर आक्रोश जताया है।
जागरण संवाददाता, रायबरेली। धांधली रोकने के लिए आनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था लागू होने के बाद भी मनरेगा की जमीन पर भ्रष्टाचार नही रुक रहा है। जिम्मेदार भी इसे बड़ा भ्रष्टाचार नही मानते तभी सिर्फ नोटिस व चेतावनी तक ही सीमित रह रह जा रहे हैं।
वहीं आम आदमी की मेहनत की कमाई पर जिले के विकास की जगह प्रधान व अधिकारी अपना विकास कर रहे हैं। शिवगढ़ के गांव पड़रिया में मां अन्न्पूर्णा दुकान व जन सुविधा केंद्र का निर्माण मनरेगा द्वारा कराया जा रहा है। जिसमें श्रमिकों की 22 अगस्त की उपस्थिति में भ्रष्टाचार की बात सामने आई है, मास्टर रोल संख्या 1824 ग्रुप फोटो में बाएं से दूसरे नीली बनियान पहने व्यक्ति उसी दिन दूसरे मास्टर रोल 1836 में भी दिख रहा है।
बात और गंभीर हो जाती है जब वही व्यक्ति उसी तारीख को मास्टर रोल संख्या 1837 व 1838 में दिख रहा है। एक व्यक्ति एक ही दिन चार जगह मौजूद होकर मजदूरी कर रहा है, ग्रामीणों का कहना है कि इससे बड़ा भ्रष्टाचार क्या हो सकता है। जिले में लगातार कई ऐसे मामले उजागर हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार किसी पर भी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
980 ग्राम पंचायतों में शासन द्वारा लगातार मनरेगा के तहत विकास कार्य कराए जा रहे हैं। मनरेगा में कागजों पर मजदूर और धरातल पर झूठ का खेल लगातार जारी है। ग्राम पंचायत पड़रिया में अन्नपूर्णा भवन का निर्माण हाे रहा है। उसमें मास्टर रोल 1824 में दाएं तरफ से पहले नंबर पर खड़ा श्रमिक उसी दिन मास्टर रोल संख्या 1837 बाएं से पांचवें नंबर पर खड़ा है।
शिवगढ़ में चारागाह की जमीन पर मेड़बंदी का काम कराया जा रहा है, जिसमें लगे श्रमिकों के मास्टर रोल संख्या 1837 में बाएं से चौथे नंबर पर जो व्यक्ति खड़ा है, वही व्यक्ति उसी दिन दूसरे मास्टर रोल संख्या 1847 की ग्रुप फोटो में बाएं से पहले नंबर पर खड़ा है। वहीं मास्टर रोल संख्या 1824 में बाएं से पहले नंबर पर श्रमिक खड़ा है, वही श्रमिक मास्टर रोल 1838 में भी बाएं से पहले स्थान पर खड़ा है। इससे साफ है कि मनरेगा में भ्रष्टाचार की जड़े काफी गहरी हैं।
ऐसी लगती है हाजिरी
मनरेगा के एक मास्टर रोल में अधिकतम 10 श्रमिकों का नाम भरा जा सकता है, जिन श्रमिकों का नाम इनमें होता है, सिर्फ उन्हीं की ग्रुप फोटो अपलोड होती है। हाजिरी भरने की जिम्मेदारी रोजगार सेवक या महिला मेट की होती है। अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी व बीडीओ इसकी समीक्षा करते हैं।
कार्यक्रम अधिकारी से आख्या मांगी जाएगी। अनियमितता प्रकाश में आती है तो जांच कराई जाएगी। दोषी पर उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -पीएस चंद्रौल, उपायुक्त मनरेगा
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