Flood in Ganga: फिर गंगा उफनाई, गांवों में घुसने लगा है बाढ़ का पानी
रायबरेली के डलमऊ क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार कर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। इससे कटरी क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और मवेशियों के चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। प्रशासन द्वारा बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि वहां पर्याप्त अधिकारी मौजूद नहीं हैं

संवादसूत्र, डलमऊ (रायबरेली)। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार करते हुए खतरे के बिंदु को छूने के लिए बेताब है। इससे गंगा कटरी क्षेत्र के ग्रामीण में अफरा तफरी मची है। गंगा का जलस्तर आबादी क्षेत्र में पहुंच गया है। वहीं गंगा कटरी क्षेत्र की सैकड़ों बीघे भूमि जलमग्न हो जाने से मवेशियों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को राहत देने के लिए महज कागजी खानापूर्ति की जा रही है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार को शाम पांच बजे गंगा का जलस्तर 98.420 सेंटीमीटर था। गुरुवार को शाम पांच बजे गंगा का जलस्तर बढ़कर 98.560 सेंटीमीटर हो गया। गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 98.360 सेंटीमीटर पार कर खतरे का निशान 99.360 सेंटीमीटर की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते गंगा कटरी क्षेत्र के चक मलिक भीटी, पूरे डंगरी, जहांगीराबाद, जमाल नगर, मोहद्दीनपुर, अंबहा बबुरा, पूरे रेवती सिंह, चांदपुर, लूक कल्याणपुर बेती समेत करीब 12 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ का पानी कटरी क्षेत्र के अंबहा गांव तक पहुंच गया, लेकिन क्षेत्रीय प्रशासन को भनक तक नहीं लगी।
बाढ़ चौकियां बनाकर की गई खानापूर्ति
बाढ़ से निपटने के लिए हर बार प्रशासन के द्वारा बाढ़ चौकियां बनाई जाती है। इस बार भी बाढ़ चौकी पूरे गौतमन मजरे कनहा, पूर्व माध्यमिक विद्यालय मिया टोला और अनिमेश की बाग आइटीबीपी के सामने बना कर कागजी कोरम पूरा कर लिया। ग्रामीण बबलू द्विवेदी ,राजबहादुर, राजकरन ननकऊ, अवधेश, राकेश कुमार का कहना है कि बाढ़ चौकियों में सिर्फ आशा और आंगनबांड़ी कार्यकर्ता रहते है। राजस्व विभाग से कोई लेखपाल या अन्य अधिकारी बाढ़ प्रभावित गांव नहीं आता है।
नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है पानी गांव के आने जाने वाले मार्ग में भर गया ग्रामीणों ने बताया कि कटरी क्षेत्र की कृषि भूमि जल मग्न हो जाने से मवेशियों को चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। एसडीएम सत्येंद्र सिंह का कहना है कि बाढ़ से निपटने के लिए सभी बाढ़ चौकियों पर क्षेत्रीय लेखपालों की तैनाती कर दी गई है। गंगा के जल स्तर पर निगरानी रखने व नाव आदि की व्यवस्था कर ली गई है। बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के इंतजाम है।
गांवोें की ओर बढ़ रहा पानी
पिछले एक सप्ताह से गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। इससे निसगर के हनुमान मंदिर से भत्ता खेड़ा गांव जाने वाली आरसीसी रोड के बराबर पर पानी आ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे ही जलस्तर बढ़ता रहा तो शुक्रवार को रोड पर से पानी बहने लगेगा।
पूरे सुकरु से निसगर जाने वाले खड़ंजा मार्ग में पानी में कई फीट पानी आ गया है। जिसके चलते यह मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से कुटिया एहत माली के सातों पुरवों में बाढ़ का संकट का गहराता जा रहा है। पानी लगातार गांव की ओर बढ़ रहा है। फसलों में पानी भरने लगा है। हल्का लेखपाल अमर सिंह का कहना है कि गंगा के जलस्तर पर लगातार नजर बनाए हुए है। लोगों को सचेत किया जा रहा है।
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